Thursday, September 18, 2025

Class 12th Geography Chapter 6 Book-1 imp QA

 





Class-12 Geography

Chapter- 6 (तृतीयक और चतर्थ क्रियाकलाप )


 


 


 

निम्न में स्तम्भ अ को स्तम्भ ब से सुमेलित कीजिए:

प्रश्न 1. 

स्तम्भ अ (कार्य)

स्तम्भ ब (कार्य का संबंध) 

(i) श्रृंखला तंत्र

(अ). परिवहन 

(ii) सड़क तंत्र

(ब). संचार 

(iii) मोबाइल

(स). चतुर्थक क्रियाकलाप 

(iv) अनुसंधान

(द). पंचम क्रियाकलाप 

(v) परामर्शदाता

(य). व्यापार

उत्तर:

स्तम्भ अ (कार्य)

स्तम्भ ब (कार्य का संबंध) 

(i) श्रृंखला तंत्र

(य). व्यापार

(ii) सड़क तंत्र

(द). पंचम क्रियाकलाप

(iii) मोबाइल

(स). चतुर्थक क्रियाकलाप 

(iv) अनुसंधान

(अ). परिवहन 

(v) परामर्शदात

(ब). संचार



 

रिक्त स्थान पूर्ति सम्बन्धी प्रश्न:

निम्न वाक्यों में रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए:

 

प्रश्न 1.       तृतीयक क्रियाकलाप .......... सेक्टर से सम्बन्धित हैं। 
उत्तर:
सेवा 

 

प्रश्न 2.       व्यापारिक केन्द्रों को ......... व ............ विपणन केन्द्रों में विभक्त किया जा सकता है।   
उत्तर:
ग्रामीण, नगरीय 

 

प्रश्न 3. थोक विक्रेता प्रायः ........... भंडारों को उधार देते हैं।                  
उत्तर:
 फुटकर 

प्रश्न 4.       परिवहन की मांग .......... के आकार से प्रभावित होती है।            
उत्तर:
जनसंख्या 

 

प्रश्न  5.      ............ ने वैश्विक संचार तंत्र में वास्तव में क्रांति ला दी है।          
उत्तर:
इन्टरनेट 


 

सत्य - असत्य कथन सम्बन्धी प्रश्न:

 

निम्न में से सत्य - असत्य कथनों की पहचान कीजिए:

 

प्रश्न 1.       तृतीयक क्रियाकलापों में उत्पादन व विनियम दोनों सम्मिलित होते हैं।        
उत्तर:
सत्य

 

प्रश्न 2.       व्यापार वस्तुतः स्थानीय उत्पादित मदों का क्रय व विक्रय है।      
उत्तर:
असत्य 

 

प्रश्न 3.       नगरीय बाजार केन्द्रों में अधिक विशिष्टीकृत नगरीय सेवाएँ मिलती हैं।          (सत्य/असत्य) 
उत्तर:
सत्य

 

प्रश्न 4.       संचार सेवाओं में वस्तुओं का परिवहन होता है।          
उत्तर:
असत्य

 

प्रश्न 5.       आज अधिकांश लोग सेवाकर्मी हैं।            
उत्तर:
सत्य 
 

 

 

 


अतिलघु उत्तरीय प्रश्न:


 

प्रश्न 1.       तृतीयक क्रियाकलाप क्या हैं ?  
उत्तर:
सेवा सेक्टर से सम्बन्धित ऐसे क्षेत्र जिनमें मूर्त वस्तुओं के उत्पादन की अपेक्षा सेवाओं का व्यावसायिक उत्पादन होता है, तृतीयक क्रियाकलाप कहलाते हैं। 

 

प्रश्न 2.       तृतीयक क्रियाकलापों के उदाहरण दीजिए।
उत्तर:

1.          व्यापार 

2.          परिवहन 

3.          संचार 

4.          सेवाएँ। 

 

प्रश्न 3.       तृतीयक क्रियाकलाप किस सेक्टर से सम्बन्धित होता है?           
उत्तर:
तृतीयक क्रियाकलाप सेवा सेक्टर से सम्बन्धित होता है जिसमें उत्पादन तथा विनिमय दोनों सम्मिलित होते हैं।

 

प्रश्न 4.       तृतीयक क्रियाकलाप के दो प्रमुख तत्व बताइए।        
उत्तर:
उत्पादन एवं विनिमय। 

 

प्रश्न 5.       तृतीयक क्रियाकलापों का निष्पादन कौन करता है?   
उत्तर:
तृतीयक क्रियाकलापों का निष्पादन कुशल श्रमिकों, व्यावसायिक दृष्टि से प्रशिक्षित विशेषज्ञों तथा परामर्शदाताओं द्वारा किया जाता है।

 

प्रश्न 6.       व्यापार से क्या आशय है तथा उसका प्रमुख उद्देश्य क्या है?        
उत्तर:
अन्यत्र उत्पादित वस्तुओं का क्रय और विक्रय व्यापार कहलाता है तथा व्यापार का प्रमुख उद्देश्य लाभ अर्जित करना होता है।

 

प्रश्न 7.       व्यापार के प्रकार बताइए।         
उत्तर:

1.          फुटकर व्यापार 

2.          थोक व्यापार। 

 

प्रश्न 8.       व्यापारिक केन्द्र किसे कहा जाता है?         
उत्तर:
वे कस्बे और नगर जहाँ व्यापार होता है, व्यापारिक केन्द्र कहलाते हैं। 

 

प्रश्न 9.       व्यापारिक केन्द्रों के प्रकार बताइए।           
उत्तर:

1.          व्यापारिक केन्द्रों के प्रकार:

2.          ग्रामीण विपणन केन्द्र 

3.          नगरीय विपणन केन्द्र। 

 

प्रश्न 10. ग्रामीण विपणन केन्द्र किसका पोषण करते हैं?               
उत्तर:
ग्रामीण विपणन केन्द्र निकटवर्ती बस्तियों का पोषण करते हैं। 

 

प्रश्न 11. फुटकर व्यापार क्या है?                
उत्तर:
उपभोक्ताओं को वस्तुओं के प्रत्यक्ष विक्रय से सम्बन्धित व्यापारिक क्रियाओं को फुटकर व्यापार कहा जाता है। 

 

प्रश्न 12. फुटकर बिक्री के भण्डार रहित कोई चार उदाहरण दीजिए।              
अथवा 
फुटकर व्यापार सेवा के कोई दो उदाहरण दीजिए।             
उत्तर:

1.          फेरी 

2.          रेहड़ी 

3.          दूरभाष 

4.          इंटरनेट। 

 

प्रश्न 13. फुटकर व्यापार के विभागीय भण्डार क्या होते हैं?          
उत्तर:
फुटकर व्यापार के विभागीय भण्डार अपने विभागीय प्रमुख के निर्देश पर विभिन्न वस्तुओं की खरीद तथा उनको अपने ही कर्मचारियों को बिक्री हेतु स्थापित किए जाते हैं।         

 

प्रश्न 14. श्रृंखला भण्डार क्या होते हैं?         
अथवा 
श्रृंखला भंडार की विशेषता बताइए। 
उत्तर:
थोक व्यापार के उद्देश्य से स्थापित श्रृंखला भण्डार अधिक मितव्ययता से व्यापारिक माल की खरीद करते हैं या अपने सीधे आदेश द्वारा विभिन्न वस्तुओं का निर्माण करा लेते हैं। इनमें विभिन्न कार्यों के लिए अत्यधिक कुशल एवं विशेषज्ञ लोग नियुक्त किए जाते हैं।

 

प्रश्न 15. थोक व्यापार से क्या आशय है?    
उत्तर:
श्रृंखला भण्डारों सहित कुछ बड़े भण्डार विनिर्माताओं से की जाने वाली खरीद सम्बन्धी व्यापारिक क्रियाओं को थोक व्यापार कहा जाता है।

 

प्रश्न 16. थोक व्यापार का गठन किसके द्वारा होता है? 
उत्तर:
थोक व्यापार का गठन अनेक बिचौलिए, सौदागरों एवं पूर्तिकारों के द्वारा होता है। 

 

प्रश्न 17. एक फुटकर विक्रेता किस प्रकार थोक विक्रेता की पूँजी पर कार्य करता है?     
उत्तर:
थोक विक्रेता प्रायः फुटकर विक्रेता को उधार देता है। 

 

प्रश्न 18. परिवहन से क्या आशय है?           
उत्तर:
परिवहन एक ऐसी सेवा या सुविधा है जिसमें व्यक्तियों, विर्निमित माल तथा सम्पत्ति को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाया जाता है।

 

प्रश्न 19. परिवहन दूरी के विभिन्न माप बताइए।           
उत्तर:
परिवहन दूरी को किलोमीटर दूरी अथवा मार्ग लम्बाई की वास्तविक दूरी, समय दूरी अथवा एक मार्ग पर यात्रा करने में लगने वाले समय और लागत दूरी के रूप में मापा जाता है।

 

प्रश्न 20. समकाल रेखाओं से क्या आशय है?             
उत्तर:
मानचित्र पर समान समय में पहुँचने वाले स्थानों को मिलाने वाली रेखाओं को समकाल रेखाएँ कहा जाता है। 

 

प्रश्न 21. परिवहन में 'नोड' का क्या अर्थ है? 
अथवा 
परिवहन में 'शीर्ष' का क्या अभिप्राय है?           
उत्तर:
दो अथवा दो से अधिक मार्गों का संधि स्थल, एक उद्गम बिन्दु, एक गंतव्य बिंदु अथवा मार्ग के सहारे कोई बड़ा कस्बा नोड या शीर्ष कहलाता है।

 

प्रश्न 22. परिवहन की माँग को कौन - सा कारक सर्वाधिक प्रभावित करता है?             
उत्तर:
परिवहन की माँग को जनसंख्या का आकार सर्वाधिक प्रभावित करता है। 

 

प्रश्न 23. दूरसंचार का प्रयोग किससे जुड़ा हुआ है?      
उत्तर:
दूरसंचार का प्रयोग विद्युत प्रौद्योगिकी के विकास से जुड़ा हुआ है। 

 

प्रश्न 24. पुरातन व नूतन  संचार साधनों के नाम लिखिए।             
उत्तर:
तार प्रेषण, मोर्सकूट तथा टैलेक्स पुरातन संचार साधन हैं जबकि मोबाइल, दूरभाष, फैक्स, इंटरनेट तथा उपग्रह आदि संचार के नूतन साधन हैं।

 

प्रश्न 25. रेडियो और दूरदर्शन को जनसंचार माध्यम क्यों कहा जाता है?       
उत्तर:
रेडियो और दूरदर्शन समाचारों, चित्रों व दूरभाष पर बातों को सम्पूर्ण विश्व में फैले हुए श्रोताओं को प्रसारित करते हैं। इसी कारण इन्हें जनसंचार माध्यम कहा जाता है।

 

प्रश्न 26. उच्चस्तरीय सेवाओं के कोई दो उदाहरण दीजिए।           
उत्तर:

1.          लेखाकार 

2.          परामर्शदाता। 

 

प्रश्न 27. मानसिक श्रम से सम्बन्धित किन्हीं दो सेवाओं के नाम लिखिए।     
उत्तर:

1.          अध्यापक 

2.          चिकित्सक। 

 

प्रश्न 28. डब्बा वाला सेवा क्या है?             
उत्तर:
मुंबई महानगर में डब्बा वाला सेवा भोजन टिफिन सेवा है जो महानगर के लगभग 1.75 लाख उपभोक्ताओं को उपलब्ध करायी जाती है।

 

प्रश्न 29. पर्यटन से क्या आशय है?             
उत्तर:
पर्यटन एक यात्रा है जो कि व्यापार की अपेक्षा आनन्द के उद्देश्य से की जाती है। 

 

प्रश्न 30. विश्व के लोकप्रिय पर्यटक गंतव्य स्थलों के नाम लिखिए।              
उत्तर:
भूमध्य सागर तट के चारों ओर कोष्ण स्थान एवं भारत का पश्चिमी तट विश्व के लोकप्रिय पर्यटक गंतव्य स्थल हैं। 

 

प्रश्न 31. चिकित्सा पर्यटन क्या है?             
उत्तर:
जब चिकित्सा उपचार को अन्तर्राष्ट्रीय पर्यटन गतिविधि से जोड़ दिया जाता है तो इसे सामान्यतया चिकित्सा पर्यटन का नाम दिया जाता है।

 

प्रश्न 32. पर्यटन किन - किन उद्योगों को पोषित करता है?             
उत्तर:
पर्यटन अवसंरचना उद्योगों, फुटकर व्यापार एवं शिल्प उद्योग को पोषित करता है। 

 

प्रश्न 33. पर्यटन को प्रभावित करने वाले कोई दो कारक बताइए। 
उत्तर:
माँग 
परिवहन। 

प्रश्न 34.     
इतिहास एवं कला से सम्बन्धित कौन - से स्थल पर्यटकों को आकर्षित करते हैं          
उत्तर:
प्राचीन नगर, गुफाएँ, पुरातत्व स्थल, महल, मंदिर व गिरजाघर आदि स्थल पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। 

 

प्रश्न 35. चतुर्थक क्रियाकलाप क्या हैं?       
अथवा 
चतुर्थक क्रियाकलाप से आप क्या समझते हैं?  
उत्तर:
अनुसंधान एवं विकास पर केन्द्रित वे क्रियाकलाप जो विशिष्टीकृत ज्ञान, तकनीकी दक्षता एवं प्रशासनिक क्षमता से सम्बन्धित होते हैं, चतुर्थक क्रियाकलाप कहलाते हैं।

 

प्रश्न 36. चतुर्थक क्रियाकलापों से सम्बन्ध रखने वाले लोगों के बारे में बताइए।            
उत्तर:
कार्यालय भवनों, प्रारम्भिक विद्यालयों, विश्वविद्यालयों की कक्षाओं, अस्पतालों व चिकित्सकों के कार्यालयों, रंगमंचों, लेखाकार्य एवं दलाली के कार्यों में कार्य करने वाले कर्मचारी इस वर्ग की सेवाओं से सम्बन्ध रखते हैं।           

 

प्रश्न 37. चतुर्थक क्रियाकलाप के प्रकार लिखिए।       
उत्तर:

1.          चतुर्थक क्रियाकलाप के दो प्रकार हैं:

2.          सूचना आधारित 

3.          अनुसंधान एवं विकास आधारित। 

 

प्रश्न 38. पंचम क्रियाकलाप क्या हैं? अथवा पंचम क्रियाकलाप से क्या आशय है?       
उत्तर:
वे सेवाएँ जो नवीन एवं वर्तमान विचारों की रचना उनके पुनर्गठन, व्याख्या एवं प्रयोग तथा नवीन तकनीक के मूल्यांकन पर केन्द्रित होती हैं, पंचम क्रियाकलाप कहलाती हैं।

 

प्रश्न 39.      बाह्यस्रोतन से आप क्या समझते हैं?         
उत्तर:
दक्षता को सुधारने एवं उत्पादों की कीमतों को घटाने के लिए किसी बाह्य एजेन्सी को ठेका देना या कार्य सौंपना बाह्यस्रोतन कहलाता है।

 

प्रश्न 40. ज्ञान सम्बन्धी बाह्यस्त्रोतन के प्रमुख उदाहरण लिखिए।   
उत्तर:
ई. लर्निंग, व्यवसाय अनुसंधान, बौद्धिक सम्पदा अनुसंधान, कानूनी व्यवसाय तथा बैंकिंग क्षेत्र ज्ञान सम्बन्धी बाह्यस्रोतन के प्रमुख उदाहरण हैं।

 

प्रश्न 41. अपतरन से क्या अभिप्राय है?       
उत्तर:
जब बाह्यस्रोतन के कार्य समुद्रपार के स्थानों पर स्थानान्तरित कर दिया जाता है तो इसे अपतरन कहते हैं। 

 

प्रश्न 42. आँकड़ा प्रक्रमण क्या है             
उत्तर:
आँकड़ा प्रक्रमण सूचना प्रौद्योगिकी से सम्बन्धित एक सेवा है। 

प्रश्न 43.       
आँकड़ा प्रक्रमण को आसानी पूर्वक किन-किन देशों में क्रियान्वित किया जा सकता है?   
उत्तर:
आँकड़ा प्रक्रमण को आसानी पूर्वक एशियाई, पूर्वी यूरोपीय एवं अफ्रीकी देशों में क्रियान्वित किया जा सकता है।

 

प्रश्न 44. सशक्त कर्मी कौन से क्रियाकलापों में शामिल किये जाते हैं?          
अथवा
सशक्त कर्मी किसे कहते हैं?              
उत्तर:
पंचम क्रियाकलापों में (इन कार्यों में संलग्न व्यक्तियों के रचनात्मक एवं मूल्य विश्वासी होने तथा गुणवत्ता पर विश्वास करने के कारण सशक्त कर्मी कहते हैं)।


 

 

 

लघु उत्तरीय प्रश्न (SA1):


 

प्रश्न 1.       "समस्त प्रकार की सेवाएँ विशिष्ट कलाएँ होती हैं जो कि भुगतान के बदले प्राप्त होती हैं।" कथन को सोदाहरण स्पष्ट कीजिए।         
उत्तर:
 शिक्षा, स्वास्थ्य, विधि, प्रशासन एवं मनोरंजन आदि सेवाओं में व्यावसायिक कुशलता की आवश्यकता होती है। इन सेवाओं को अन्य सैद्धान्तिक ज्ञान और क्रियात्मक प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है। अभ्यास इन्हें पूर्ण व्यावसायिक बनाता है। ये सेवाएँ विशिष्ट कलाएँ होती हैं जो शुल्क का भुगतान करने पर प्राप्त होती हैं।          
उदाहरण:

1.          एक शिक्षक बच्चों को शिक्षा प्रदान करता है, उसके बदले में  शिक्षण शुल्क प्राप्त करता है। 

2.          एक चिकित्सक रोगियों का उपचार करके उपचार शुल्क प्राप्त करता है। 

3.          एक वकील लोगों को कानूनी सलाह के बदले सलाह शुल्क प्राप्त करता है। 

 

प्रश्न 2. जनशक्ति सेवा सेक्टर का एक महत्त्वपूर्ण कारक है, क्यों?  
उत्तर:
तृतीयक क्रियाकलाप का सम्बन्ध मुख्य रूप से सेवा सेक्टर से है। जनशक्ति सेवा सेक्टर का एक महत्वपूर्ण कारक है क्योंकि अधिकांश तृतीयक क्रियाकलापों का निष्पादन कुशल श्रमिकों के साथ-साथ व्यवसायिक दृष्टि से प्रशिक्षित विशेषज्ञों एवं परामर्शदाताओं द्वारा किया जाता है।

 

प्रश्न 3. द्वितीयक एवं तृतीयक क्रियाकलापों में मुख्य अन्तर बताइए।             
उत्तर:
द्वितीयक क्रियाकलापों का सम्बन्ध मुख्य रूप से विनिर्माण, प्रसंस्करण एवं निर्माण उद्योगों से है। वहीं तृतीयक क्रियाकलापों का सम्बन्ध व्यापार व वाणिज्य, परिवहन, संचार एवं विविध सेवाओं से है। द्वितीयक एवं तृतीयक क्रियाकलापों में मुख्य अन्तर यह है कि सेवाओं द्वारा उपलब्ध विशेषज्ञता उत्पादन तकनीकी, मशीनरी एवं कारखाना प्रक्रियाओं की अपेक्षा यह क्रियाकलाप कर्मियों की विशिष्टीकृत कुशलताओं, अनुभव एवं ज्ञान पर अधिक निर्भर करते हैं।

 

प्रश्न 4.  तृतीयक क्रियाकलापों को मुख्य रूप से कितने वर्गों में रखा जा सकता है?       
उत्तर:
तृतीयक क्रियाकलापों को प्रमुख रूप से निम्नलिखित वर्गों में रखा जाता है:

1.          व्यापार एवं वाणिज्य: थोक व्यापार व फुटकर व्यापार।                                

2.          परिवहन: रेल, सड़क, जल तथा वायु परिवहन। 

3.          संचार: मोबाइल, दूरभाष, उपग्रह तथा दूरसंचार (रेडियो तथा दूरदर्शन)। 

 

प्रश्न 5.       चतुर्थक व पंचमक क्रियाकलापों में अन्तर कीजिए।    
उत्तर:

1.          चतुर्थक क्रियाकलाप में ज्ञानोन्मुखी कार्य आते हैं जबकि पंचमक में नवीन विचारों व नवीन प्रौद्योगिकी आधारित कार्य आते हैं।

2.          चतुर्थक कार्य अनुसंधान व विकास केन्द्रित होते हैं जबकि पंचमक कार्य प्रौद्योगिकी केन्द्रित होते हैं।

3.          चतुर्थक कार्यों में शिक्षकों, चिकित्सकों, लेखाकार, दलाल शामिल हैं जबकि पंचमक में नीति निर्माता, बौद्धिक निर्णय लेने वाले शामिल होते हैं।

 

प्रश्न 6.       व्यापार क्या है? व्यापार के प्रकार लिखिए।               
उत्तर:
व्यापार: अन्यत्र उत्पादित वस्तुओं का क्रय - विक्रय व्यापार कहलाता है। व्यापार के प्रकार - व्यापार दो प्रकार के होते हैं:

1.          फुटकर व्यापार 

2.          थोक व्यापार।

(i) फुटकर व्यापार: उपभोक्ताओं को वस्तुओं के प्रत्यक्ष विक्रय से सम्बन्धित व्यापारिक क्रियाकलापों को फुटकर व्यापार कहा जाता है। फुटकर व्यापार अधिकांशतः विक्रय के नियत प्रतिष्ठानों एवं भंडारों में सम्पन्न होता है।         

(ii) थोक व्यापार: श्रृंखला भण्डारों सहित कुछ बड़े भंडार विनिर्माताओं से की जाने वाली खरीद करने सम्बन्धी व्यापारिक क्रियाकलापों को थोक व्यापार कहा जाता है।

 

प्रश्न 7.       व्यापारिक केन्द्रों से क्या अभिप्राय है? इन्हें कितने भागों में विभक्त किया जा सकता है?               
उत्तर:
व्यापारिक केन्द्र-लाभ प्राप्ति के उद्देश्य से फुटकर और थोक व्यापार की समस्त क्रियाओं को सम्पन्न करने वाले ग्रामीण एवं नगरीय केन्द्र व्यापारिक केन्द्र कहलाते हैं।      
व्यापारिक केन्द्रों को ग्रामीण और नगरीय विपणन केन्द्रों में विभक्त किया जा सकता है:

1.          ग्रामीण विपणन केन्द्र: ये अर्द्धनगरीय केन्द्र होते हैं जो ग्रामीण लोगों को अधिक माँग वाली वस्तुएँ एवं सेवाएँ उपलब्ध कराते हैं।

2.          नगरीय विपणन केन्द्र: इन केन्द्रों द्वारा साधारण वस्तुओं व सेवाओं के साथ-साथ वांछित अनेक विशिष्ट वस्तुएँ व सेवाएँ उपलब्ध करायी जाती हैं।

 

प्रश्न 8.  नगरीय बाजार केन्द्रों द्वारा प्रदान की जाने वाली विभिन्न सेवाओं का उल्लेख कीजिए।    
उत्तर:
नगरीय बाजार केन्द्रों पर सामान्य सेवाओं के अलावा अधिक विशिष्टीकृत नगरीय सेवायें भी मिलती हैं। नगरीय बाजार केन्द्र विनिर्मित पदार्थों के अलावा विशिष्टीकृत बाजार की सेवायें  भी प्रदान करते हैं। इन केन्द्रों द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं में श्रम बाजार, आवासन, अनिर्मित एवं निर्मित उत्पादों के बाजार
 शिक्षा, परामर्श तथा चिकित्सा सर्वप्रमुख हैं।

 

प्रश्न 9.       परिवहन सेवाएँ क्या हैं? यह क्यों आवश्यक हैं?          
उत्तर:
परिवहन सेवाएँ परिवहन एक ऐसी सेवा अथवा सुविधा है जिससे व्यक्तियों, विनिर्मित माल एवं सम्पत्ति को भौतिक रूप से एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जाता है। परिवहन मनुष्य की गतिशीलता की मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा करने हेतु निर्मित एक संगठित सेवा है। आधुनिक समाज वस्तुओं के उत्पादन, वितरण एवं उपयोग में सहायता प्रदान करने के लिए तीव्र एवं सक्षम परिवहन व्यवस्था चाहता है। इस जटिल व्यवस्था से प्रत्येक अवस्था में परिवहन द्वारा पदार्थ का मूल्य अत्यधिक बढ़ जाता है।

 

प्रश्न 10. परिवहन दूरी को किस प्रकार मापा जाता है? 
उत्तर:
परिवहन दूरी को तीन रूपों में मापा जाता है, जो निम्नलिखित हैं:

1.          किलोमीटर दूरी अथवा मार्ग की लम्बाई वास्तविक दूरी होती है जिसे किलोमीटरों में मापा जाता है। 

2.          समय दूरी मार्ग पर यात्रा करने में लगने वाले समय को कहते हैं। 

3.          लागत दूरी को यात्रा पर आने वाली लागत के रूप में व्यक्त किया जाता है। परिवहन के साधन के चयन में समय अथवा लागत एक निर्णायक कारक है। 

 

प्रश्न 11. जालतंत्र, नोड एवं योजक में अन्तर स्पष्ट कीजिए।           
उत्तर:
जालतंत्र - जैसे ही परिवहन व्यवस्थाएँ विकसित होती हैं, विभिन्न स्थान आपस में जुड़कर जालतंत्र का निर्माण करते हैं। नोड - दो अथवा दो से अधिक मार्गों का संधि - स्थल, एक उद्गम बिंदु, एक गंतव्य बिंदु अथवा मार्ग के सहारे कोई बड़ा कस्बा नोड अथवा शीर्ष होता है। योजक - प्रत्येक सड़क जो दो नोडों को जोड़ती है, योजक अथवा किनारा कहलाती है। एक विकसित जालतंत्र में कई योजक होते हैं। जिनका अर्थ है कि स्थान सुसंबद्ध है।

 

प्रश्न 12. परिवहन सेवाओं को प्रभावित करने वाले कारक कौन - कौन से हैं?               
उत्तर:
परिवहन सेवाओं को प्रभावित करने वाले दो महत्त्वपूर्ण कारक निम्नलिखित हैं:

1.          माँग परिवहन के लिए माँग जनसंख्या के आकार पर निर्भर करती है। जनसंख्या का आकार जितना बड़ा होगा परिवहन की माँग उतनी ही अधिक होगी।

2.          मार्ग परिवहन सदैव सुनिश्चित मार्गों पर होता है। मार्ग नहरों, कस्बों, गाँवों, औद्योगिक केन्द्रों और कच्चे माल, उनके मध्य व्यापार के प्रारूप, उनके मध्य भूदृश्य की प्रकृति, जलवायु के प्रकार तथा मार्ग की लम्बाई पर आने वाले व्यवधानों को दूर करने के लिए उपलब्ध निधियों अर्थात् मुद्रा पर निर्भर करते हैं।

 

प्रश्न 13. परिवहन के समस्त रूपों को  संचार पथ क्यों कहा जाता है?            
उत्तर:
संचार सेवाओं में शब्दों और संदेशों, तथ्यों और विचारों का प्रेषण सम्मिलित है। लेखन के आविष्कार ने संदेशों को संरक्षित किया तथा संचार को परिवहन के साधनों पर निर्भर करने में सहायता प्रदान की। ये वास्तव में हाथ, पशुओं, नाव, सड़क, रेल एवं वायु के द्वारा परिवहित होते हैं। यही कारण है कि परिवहन के समस्त रूपों को संचार पथ कहा जाता है। जहाँ परिवहन जालतंत्र सक्षम होता है वहाँ संचार का विस्तार आसान होता है।

 

प्रश्न 14. दूरसंचार ने किस प्रकार संचार के क्षेत्र में क्रांति ला दी है?               
उत्तर:
दूरसंचार का प्रयोग विद्युतीय प्रौद्योगिकी के विकास के साथ जुड़ा हुआ है। दूरसंचार के अन्तर्गत संदेशों को शीघ्रता के साथ भेजा जा सकता है जिससे संचार व्यवस्था में क्रांति आ गयी है। जिन समाचारों को भेजने में पहले कई सप्ताह लग जाते थे, अब वे कुछ ही मिनटों में भेजे जाते हैं। मोबाइल दूरभाष जैसी नवीन खोज ने किसी भी समय कहीं से भी संचार को प्रत्यक्ष और तत्काल बना दिया है। अब ये सुविधाएँ आम आदमी की पहुँच में आ गयी हैं। तार प्रेषण, मोर्स कूट एवं टैलेक्स आज लगभग भूतकाल की वस्तुएँ बन गई हैं। इन्टरनेट ने तो संचार का स्वरूप ही उन्नत कर उसे व्यापक बना दिया है।

 

प्रश्न 15. पर्यटन का संक्षेप में महत्व बताइए।
उत्तर:
पर्यटन एक यात्रा है जो व्यापार की अपेक्षा आमोद-प्रमोद के उद्देश्य से की जाती है। यह संसार का सबसे बड़ा तृतीयक क्रियाकलाप है। यह रोजगार का एक प्रमुख स्रोत है। इस क्षेत्र में लगभग 25 करोड़ लोग कार्य करते हैं तथा इससे सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 40 प्रतिशत राजस्व प्राप्त होता है। यह उद्योग अवसंरचना उद्योगों, फुटकर व्यापार एवं शिल्प उद्योगों को पोषित करता है।

 

प्रश्न 16. किसी प्रदेश की जलवायु पर्यटकों को किस प्रकार आकर्षित करती है ? उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
जलवायु की अनुकूलता पर्यटन का महत्त्वपूर्ण आकर्षक कारक है। अच्छी एवं सुखद जलवायु मानव को आकर्षित करती है। यथा - ग्रीष्मकालीन अवधि में लोग ठंडी दशाओं वाले क्षेत्रों में, जबकि शीतकाल में उष्ण क्षेत्रों की ओर अनुकूल दशाओं के कारण पर्यटन करते हैं यथा यूरोपियन क्षेत्रों के निवासियों का भूमध्य सागरीय क्षेत्रों की ओर तथा ग्रीष्म काल में भारत में शिमला, पंचमढ़ी, माउंट आबू की ओर होने वाला पलायन।

 

प्रश्न 17. बाह्यस्रोतन के कारण कई देशों में बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर खुले हैं। कथन को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
बाह्यस्रोतन उन देशों की ओर किया जाता है जहाँ जीवन-यापन की लागत कम होती है तथा कुशल श्रमिक सस्ते पारिश्रमिक पर उपलब्ध हो जाते हैं। बाह्यस्रोतन से भारत, चीन, पूर्वी यूरोप, इजराइल, कोस्टारिका एवं फिलीपीन्स में बड़ी संख्या में काल सेंटर खुले हैं। इससे इन देशों में बड़ी संख्या में रोजगार के नए अवसर पैदा हो गए हैं। ये उत्प्रवास वाले देश भी हैं। 

 

 

 

लघु उत्तरीय प्रश्न (SA2):

 

प्रश्न 1.  तृतीयक क्रियाकलापों में कौन - कौन - से क्रियाकलाप सम्मिलित होते हैं?      
अथवा 
"तृतीयक व्यवसायों में उत्पादन तथा विनिमय दोनों सम्मिलित होते हैं।" कथन की व्याख्या कीजिए। 
उत्तर:
तृतीयक क्रियाकलाप सेवा सेक्टर से सम्बन्धित ऐसा क्षेत्र है जिनमें मूर्त वस्तुओं के उत्पादन की अपेक्षा सेवाओं का व्यावसायिक उत्पादन सम्मिलित होता है। तृतीयक क्रियाकलापों में उत्पादन तथा विनिमय दोनों सम्मिलित होते हैं। उत्पादन में उपभोग की जाने वाली सेवाएँ सम्मिलित होती हैं तथा इसे पारिश्रमिक तथा वेतन के रूप में मापा जाता है। जबकि विनिमय के अन्तर्गत व्यापार, परिवहन तथा 
 संचार सेवायें सम्मिलित होती हैं जिनका उपयोग दूरी को तय करने के लिए किया जाता है।

वस्तुतः तृतीयक क्रियाकलापों में भौतिक वस्तुओं का उत्पादन न कर, सेवाओं का व्यावसायिक उत्पादन होता है। उदाहरण के लिए-नलसाज, बिजली मिस्त्री, तकनीशियन, धोबी, नाई, चालक, दुकानदार, कोषपाल, अध्यापक, चिकित्सक, प्रकाशक तथा वकील आदि।

 

प्रश्न 2.  ग्रामीण विपणन केन्द्रों की भूमिका का संक्षेप में मूल्यांकन कीजिए। 
उत्तर:
ग्रामीण विपणन केन्द्र ऐसे अर्द्ध-नगरीय व्यापारिक केन्द्र होते हैं जो अपने समीपवर्ती भागों में अवस्थित ग्रामीण बस्तियों का पोषण करते हैं। यह प्रमुख रूप से स्थानीय संग्रहण और वितरण केन्द्र के रूप में मिलते हैं। इन केन्द्रों पर व्यक्तिगत और व्यावसायिक सेवायें उत्तम रूप में विकसित नहीं मिलती हैं। इनमें से अधिकांश केन्द्रों पर थोक व्यापार (मण्डी) तथा फुटकर व्यापार क्षेत्र होते हैं। यद्यपि ये केन्द्र स्वयं में नगरीय केन्द्र नहीं होते लेकिन इन केन्द्रों द्वारा समीपवर्ती ग्रामीण बस्तियों में रहने वाले ग्रामीण लोगों को अधिक माँग वाली वस्तुएँ एवं सेवाएं प्रदान की जाती हैं।

 

प्रश्न 3. ग्रामीण विपणन केन्द्रों एवं नगरीय बाजार केन्द्रों में अन्तर बताइए।     
उत्तर:
ग्रामीण विपणन केन्द्रों एवं नगरीय बाजार केन्द्रों में निम्नलिखित अंतर हैं. ग्रामीण विपणन केन्द्र      
नगरीय बाजार केन्द्र:

1.          ये निकटवर्ती बस्तियों का पोषण करते हैं।

2.          ये नगरीय बस्तियों का पोषण करते हैं। 

3.          ये अर्द्धनगरीय व्यापारिक केन्द्र होते हैं।

4.          ये नगरीय व्यापारिक केन्द्र होते हैं।

5.          यहाँ व्यक्तिगत एवं व्यावसायिक सेवाएँ सुविकसित 

6.          यहाँ और अधिक विशिष्टीकृत नगरीय सेवाएँ मिलती नहीं होती हैं। 

7.          ये स्थानीय संग्रहण एवं वितरण केन्द्र होते हैं। इनमें से

8.          ये विनिर्मित पदार्थों के साथ-साथ विशिष्टीकृत बाजार अधिकांश केन्द्रों में थोक बाजार एवं फुटकर व्यापार भी प्रस्तुत करते हैं। जैसे - श्रम बाजार, आवासन, क्षेत्र भी होते हैं।

9.          अर्द्धनिर्मित एवं निर्मित उत्पादों का बाजार। 

10.       यह ग्रामीण लोगों की अधिक माँग वाली वस्तुओं और 

11.       यह  शैक्षिक संस्थाओं और व्यावसायियों की सेवाएँ सेवाओं को उपलब्ध कराने वाले महत्वपूर्ण केन्द्र हैं।अध्यापक, वकील, परामर्शदाता, चिकित्सक,आदि की सेवायें उपलब्ध कराते हैं।

 

प्रश्न 4.  ग्रामीण क्षेत्रों में लगने वाले आवधिक बाजारों का विवरण दीजिए।  
अथवा 
आवधिक बाजार क्या हैं? ये लोगों एवं दुकानदारों के लिए किस प्रकार लाभकारी होते हैं? 
उत्तर:
ग्रामीण क्षेत्रों में नियमित बाजार न होकर एक निश्चित समय पर स्थानीय रूप से आवधिक बाजार लगाए जाते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में लगने वाले ये बाजार साप्ताहिक या पाक्षिक होते हैं तथा किसी निश्चित दिन/अथवा तिथि पर लगते हैं। इन बाजारों में आने वाले अधिकांश दुकानदार आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रों में लगने वाले लगभग सभी आवधिक बाजारों में अपनी सेवायें दिन/तिथि के अनुसार प्रदान करते हैं जिसके कारण महीने के अधिकांश दिनों में यह दुकानदार 'व्यस्त रहते हैं। किसी ग्रामीण बस्ती में लगने वाले आवधिक बाजार में मूल ग्रामीण बस्ती के अलावा समीपवर्ती ग्रामीण बस्तियों के लोग अपनी दैनिक आवश्यकताओं की वस्तुओं की खरीदारी करते हैं। इस प्रकार यह बाजार एक विस्तृत क्षेत्र को सेवा प्रदान करते रहते हैं। 

 

प्रश्न 5. थोक व्यापार की प्रमुख विशेषताओं का विवरण दीजिए। 
उत्तर:
थोक व्यापार की निम्नलिखित विशेषतायें उल्लेखनीय हैं:

1.          थोक व्यापार का गठन अनेक बिचौलियों, सौदागरों तथा पूर्तिकारों द्वारा होता है। 

2.          इस व्यापार में फुटकर भण्डारों की भूमिका कम होती है। 

3.          इस व्यापार में श्रृंखला भण्डारों सहित कुछ बड़े भण्डार विनिर्माणकर्ताओं से सीधी खरीद कर लेते हैं। 

4.          थोक विक्रेता प्रायः फुटकर भण्डारों को बेचने हेतु सामान उधार भी दे देते हैं। 

5.          कुछ फुटकर विक्रेता थोक व्यापारी की पूँजी पर ही अपने फुटकर भण्डारों का संचालन करते हैं।

 

प्रश्न 6.  विभिन्न प्रकार के भण्डारों के बारे में संक्षिप्त विवरण दीजिए।           
अथवा 
भण्डार कितने प्रकार के होते हैं? संक्षेप में उल्लेख कीजिए।                
उत्तर:
भण्डार तीन प्रकार के होते हैं जो अग्रलिखित हैं:

1.          उपभोक्ता भंडार: फुटकर व्यापार के अन्तर्गत वृहत् स्तर पर सर्वप्रथम नवाचार लाने वाले उपभोक्ता सहकारी समुदाय वाले थे।

2.          विभागीय भंडार: विभागीय भंडार वे होते हैं जो वस्तुओं की खरीद एवं भंडारों के विभिन्न अनुभागों में बिक्री के सर्वेक्षण के लिए विभागीय प्रमुखों को उत्तरदायित्व व प्राधिकार सौंप देते हैं।

3.          श्रृंखला भंडार: श्रृंखला भंडार वे होते हैं जो अत्यधिक मितव्ययता से व्यापारिक माल का क्रय करते हैं, यहाँ तक कि अपने निर्देश पर सीधे ही वस्तुओं का विनिर्माण करा लेते हैं। प्रायः उनके पास एक भण्डार के अनुभवों के परिणामों को अनेक भंडारों में लागू करने की योग्यता होती है।

 

प्रश्न 7.  संचार सेवाओं का संक्षेप में विवरण दीजिए।   
उत्तर:
संचार सेवाओं में शब्दों और संदेशों, तथ्यों व विचारों का प्रेषण सम्मिलित होता है। जिन क्षेत्रों में परिवहन जाल तन्त्र विकसित होता है, वहाँ संचार सेवाओं का विस्तार सरल होता है। लेकिन वर्तमान समय में मोबाइल, दूरभाष, रेडियो, दूरदर्शन तथा उपग्रहों के बढ़ते प्रचलन ने संचार में परिवहन की भूमिका को सीमित कर दिया है। दूसरी ओर विश्वभर में आज भी विशाल मात्रा में डाक का निष्पादन डाकघरों के माध्यम से किया जाता है जिसमें परिवहन माध्यमों की अग्रणी भूमिका मिलती है। यही नहीं, संचार के महत्त्वपूर्ण स्रोत समाचार पत्रों की पहुँच में परिवहन की महत्त्वपूर्ण भूमिका रहती है।

 

प्रश्न 8.  विश्व में तृतीयक क्रियाकलापों में संलग्न लोगों का विवरण दीजिए।
उत्तर:
तृतीयक क्रियाकलाप सेवा सेक्टर से सम्बन्धित ऐसा क्षेत्र है जिसमें अमूर्त सेवाओं का व्यावसायिक उत्पादन होता है। विश्व की कुल कार्यशील जनसंख्या में तृतीयक क्रियाकलापों में संलग्न जनसंख्या का प्रतिशत क्रमशः बढ़ रहा है। इसका प्रमुख कारण यह है कि जैसे-जैसे किसी देश में आर्थिक विकास होता जाता है वैसे-वैसे वहाँ प्राथमिक व द्वितीयक कार्यों में संलग्न व्यक्तियों की माँग घटती जाती है तथा तृतीयक क्रियाकलापों या सेवाओं में लगे लोगों की माँग बढ़ती जाती है। विश्व के अल्पविकसित देशों में तृतीयक क्रियाकलापों में संलग्न व्यक्तियों का प्रतिशत जहाँ 10 से भी कम मिलता है, वहीं विकसित राष्ट्रों में यह प्रतिशत 75 से भी अधिक है। 

 

प्रश्न 9.  चिकित्सा पर्यटन का संक्षेप में विवरण दीजिए।               
अथवा 
भारत में चिकित्सा पर्यटन के अवसरों की व्याख्या कीजिए।              
उत्तर:
जब चिकित्सा उपचार को अन्तर्राष्ट्रीय पर्यटन गतिविधि से जोड़ा जाता है तो उसे सामान्यतया चिकित्सा पर्यटन कहा जाता है। भारत विश्व में चिकित्सा पर्यटन के महत्त्वपूर्ण देश के रूप में उभर रहा है। इसका मुख्य कारण यह है कि भारत के महानगरों में स्थित उच्चकोटि के अस्पताल विश्वस्तरीय चिकित्सा सुविधाएँ सस्ती कीमत पर उपलब्ध कराते हैं। विश्व स्तर पर अपेक्षाकृत सस्ती सुविधाओं के कारण ही सन् 2005 में अकेले संयुक्त राज्य अमेरिका के 55 हजार रोगियों ने भारत में चिकित्सा सुविधाओं का लाभ उठाया। थाइलैण्ड, सिंगापुर, मलेशिया, आस्ट्रेलिया तथा स्विट्जरलैण्ड नामक देशों में भी विशिष्ट चिकित्सा सुविधाओं के उपलब्ध होने के कारण चिकित्सा पर्यटन को बढ़ावा मिल रहा है। 

 

प्रश्न 10. पर्यटन आकर्षण के प्रमुख कारक बताइए।     
उत्तर:
पर्यटन आकर्षण के प्रमुख कारक: पर्यटकों को आकर्षित करने में निम्नलिखित कारकों की भूमिका अग्रणी रहती है
(1) जलवायु: अवकाश की अवधि के दौरान पर्यटक प्रायः ऐसे क्षेत्रों में जाना पसन्द करते हैं, जहाँ अनुकूल जलवायु दशायें मिलती हों। यूरोप में शीतकालीन अवकाश का आनंद उठाने के लिए अधिकांश पर्यटक भूमध्य सागरीय क्षेत्रों के उष्ण व धूपदार मौसम से आकर्षित होकर इन क्षेत्रों में आते हैं।   

(2) भूदृश्य: आकर्षक पर्वतीय भूदृश्य, झीलें तथा सागरीय तट जैसे प्राकृतिक भूदृश्य पर्यटकों को प्रमुख रूप से आकर्षित करते हैं।          

(3) इतिहास एवं कला: प्राचीन स्मारक, विरासत स्थल, पुरातत्व स्थलों, किलों, महलों तथा धार्मिक स्थलों का आकर्षण भी पर्यटकों को आकर्षित करता है।          

(4) संस्कृति तथा अर्थव्यवस्था: सांस्कृतिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण स्थल पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। इसके अलावा पर्यटक क्षेत्रों के वे अधिवास जहाँ पर्यटकों को सस्ती दरों पर आवासीय व भोजन व्यवस्था उपलब्ध होती है, उन क्षेत्रों की ओर भी अधिक पर्यटक आकर्षित होते हैं। गोवा में हेरीटेज होम्स तथा कर्नाटक में मैडीकेरे तथा कूर्ग इसके उदाहरण हैं।

 

प्रश्न 11. चतुर्थक क्रियाकलापों का संक्षेप में विवरण व महत्त्व बताइए।         
उत्तर:
ज्ञानोन्मुखी सेवा सेक्टर से सम्बन्धित क्रियाकलापों में चतुर्थक क्रियाकलाप सम्मिलित हैं। चतुर्थक क्रियाकलापों में सूचना का संग्रहण, उत्पादन तथा प्रकीर्णन सम्मिलित होता है। यह कार्य उच्च-स्तरीय विकास, शोध, विशिष्टीकृत ज्ञान तकनीक तथा प्रशासनिक क्षमता से सम्बन्धित होते हैं। विश्व की विकसित अर्थव्यवस्थाओं में 50 प्रतिशत से अधिक कर्मी चतुर्थक क्रियाकलापों में कार्यरत हैं। म्यूचुअल फण्ड प्रबन्धक, परामर्शदाता, सॉफ्टवेयर कर्मी तथा विश्वविद्यालयी शिक्षक के अलावा चिकित्सालयों, रंगमंचों, लेखाकार्यों तथा दलाली की फर्मों के कार्यालयों में कार्य करने वाले कर्मी भी इस वर्ग की सेवाओं से सम्बन्धित होते हैं।

 

प्रश्न 12. पंचम क्रियाकलाप क्या होते हैं? संक्षेप में बताइए।          
उत्तर:
पंचम क्रियाकलापों में वे सेवाएं सम्मिलित हैं जो नवीन एवं वर्तमान विचारों की रचना, उनके पुनर्गठन व व्याख्या, आँकड़ों की व्याख्या व प्रयोग तथा नवीन तकनीक के मूल्यांकन से सम्बन्धित होती हैं। प्रायः इन सेवाओं से सम्बन्धित व्यवसायों में संलग्न लोगों को स्वर्ण कॉलर कहा जाता है तथा ये व्यावसायिक कार्यकारियों, सरकारी अधिकारियों, शोध वैज्ञानिकों, वित्त व विधि परामर्शदाताओं, विशेष तथा उच्च वेतन वाले कुशल व्यक्तियों का प्रतिनिधित्व करते हैं। विकसित अर्थव्यवस्थाओं की संरचना में इनका महत्त्व इनकी संख्या से कहीं अधिक होता है।

 

प्रश्न 13. बाह्यस्त्रोतन तथा ऑफशोरिंग से क्या आशय है?            
उत्तर:
दक्षता को सुधारने तथा प्रति इकाई लागत को घटाने के उद्देश्य से जब देश से बाहर स्थित किसी अभिकरण अथवा कम्पनी को किसी कार्य को सम्पन्न कराने का ठेका दिया जाता है तो यह कार्य बाह्यस्त्रोतन कहलाता है। जब बाह्यस्रोतन में कार्य को सागर पार के स्थानों पर स्थानान्तरित कर दिया जाता है तो इस कार्य को ऑफशोरिंग कहा जाता है। बाह्यस्रोतन तथा ऑफशोरिंग (अपतरन) दोनों कार्य एक साथ किये जाते हैं। वर्तमान समय में जिन कार्यों का विकसित देशों से बाह्यस्रोतन किया जा रहा है, उनमें सूचना प्रौद्योगिकी, मानव संसाधन, ग्राहक सहायता तथा काल सेंटर सेवायें प्रमुख रूप से सम्मिलित हैं। 

 

 

निबन्धात्मक प्रश्न:

 

प्रश्न 1.  सेवायें क्या हैं? सेवाओं के विभिन्न वर्गों का संक्षेप में वर्णन कीजिए।               
उत्तर:
मानव के तृतीयक तथा चतुर्थक क्रियाकलाप अमूर्त सेवाओं से सम्बन्धित होते हैं। वस्तुतः सेवायें वे क्रियाकलाप हैं, जिनमें वस्तुओं का उत्पादन नहीं होता है। इस प्रकार सेवाएँ पदार्थों के प्रसंस्करण (नई वस्तु निर्माण) में प्रत्यक्ष रूप से सम्मिलित नहीं होती। सेवाओं का उत्पादन के रूप में मापन करना असंभव है, इन्हें तो अप्रत्यक्ष रूप से मजदूरी तथा वेतन के रूप में ही मापा जा सकता है। इसमें समस्त प्रकार की सेवाएँ यथा 
 शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन मनोरंजन एवं व्यापार आदि सम्मिलित हैं। इनसे उत्पादन की क्षमता में वृद्धि होती है एवं रोजगार के साधन बढ़ते हैं। किसी देश के आर्थिक विकल्प में सेवा क्षेत्र बहुत महत्वपूर्ण हैं। 

1.          सेवा क्षेत्र के अन्तर्गत सामग्रियों की थोक एवं फुटकर बिक्री तथा परिवहन के साधन सम्मिलित किए जाते हैं जो कि उत्पादक व उपभोक्ताओं को जोड़ते हैं।

2.          स्वास्थ्य व कल्याण, शिक्षा, अवकाश, मनोरंजन व वाणिज्य आदि सेवाएँ भी आर्थिक व सामाजिक विकास में योगदान करती हैं। 

3.          परिवहन सेवा कच्चे माल को कारखानों तक पहुँचाने एवं कारखानों में बने हुए पदार्थों को उपभोक्ताओं तक पहुँचाने में सहायता करती हैं।

4.           वाणिज्यिक सेवाएँ कम्पनियों की उत्पादकता एवं क्षमता में वृद्धि करती हैं। विज्ञापन, कर्मचारियों का चयन व अधिकारियों का प्रशिक्षण भी इसके अन्तर्गत सम्मिलित है। 

 

सेवाओं में विभिन्न वर्ग: सेवाओं को सामान्यतया निम्नलिखित दो वर्गों में रखा जा सकता है। 
(अ) निम्नस्तरीय सेवायें: जैसे - पंसारी की दुकान, धोबी घाट आदि।         

(ब) उच्चस्तरीय सेवायें: जैसे - लेखाकार, परामर्शदाता, संगीतकार तथा चिकित्सक आदि। इसके अलावा सेवाओं को निम्नलिखित सात वर्गों में उनकी प्रकृति के आधार पर रखा जा सकता है

1.          वाणिज्यिक सेवायें: विज्ञापन, कानूनी सेवाएँ, जनसम्पर्क तथा परामर्श।

2.          वित्त, बीमा, वाणिज्यिक और आवासीय भूमि और भवनों जैसी अचल सम्पत्ति की क्रय - विक्रय सम्बन्धी सेवाएँ।

3.          थोक तथा फुटकर व्यापार तथा रख - रखाव सम्बन्धी सेवाएँ। 

4.          परिवहन व  संचार सेवायें - रेल, सड़क, जलयान तथा वायुयान सेवायें, डाक-तार सेवायें। 

5.          मनोरंजन: दूरदर्शन, रेडियो, फिल्म तथा साहित्य।

6.          विभिन्न स्तरीय प्रशासन - स्थानीय, राज्यस्तरीय तथा राष्ट्रीय प्रशासन।

7.          गैर सरकारी संगठन: शिशु चिकित्सा, पर्यावरण, ग्रामीण विकास आदि लाभरहित सामाजिक क्रियाकलापों से जुड़े गैर सरकारी संगठन।

 

प्रश्न 2.  पर्यटन से क्या आशय है? पर्यटन की प्रमुख विशेषताओं तथा पर्यटन आकर्षण एवं इसे प्रभावित करने वाले प्रमुख कारकों का वर्णन कीजिए।                       .
उत्तर:
पर्यटन से आशय: पर्यटन एक ऐसी यात्रा है जो व्यापार की बजाय आमोद - प्रमोद के उद्देश्यों को दृष्टिगत रखते हुए की जाती है।                         .

पर्यटन की विशेषताएँ:

1.          तृतीयक क्रियाकलापों में पर्यटन सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण सेवा क्षेत्र है जिससे विश्व के सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 40 प्रतिशत भाग प्राप्त होता है।

2.          विश्व में पर्यटन सेवा के क्षेत्र में लगभग 25 करोड़ व्यक्तियों को प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्राप्त है।

3.          पर्यटकों को आवास, भोजन, परिवहन, मनोरंजन तथा विशेष दुकानों जैसी सेवाएँ उपलब्ध कराने के लिए स्थानीय लोगों को रोजगार के पर्याप्त अवसर प्राप्त होते हैं।

4.          पर्यटन सेवाओं द्वारा स्थानीय स्तर पर अवसंरचना उद्योगों, फुटकर व्यापार तथा शिल्प उद्योगों को बढ़वा मिलता है।

5.          विश्व के कुछ पर्यटक स्थलों पर पर्यटन मौसम पर निर्भर होता है जबकि कुछ पर्वतीय पर्यटक स्थल वर्ष पर्यन्त पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।

 

पर्यटन आकर्षण के प्रमुख कारक: पर्यटकों को आकर्षित करने में निम्नलिखित कारकों की भूमिका अग्रणी रहती है:    
(1) जलवायु: अवकाश अवधि के दौरान पर्यटक प्रायः ऐसे क्षेत्रों में जाना पसन्द करते हैं, जहाँ अनुकूल जलवायु दशायें मिलती हों। यूरोप में शीतकालीन अवकाश का आनंद उठाने के लिए अधिकांश पर्यटक भूमध्य सागरीय क्षेत्रों के उष्ण व धूपदार मौसम से आकर्षित होकर इन क्षेत्रों में आते हैं।   

(2) भूदृश्य आकर्षण: पर्वतीय भूदृश्य, झीलें तथा सागरीय तट जैसे प्राकृतिक भूदृश्य पर्यटकों को प्रमुख रूप से आकर्षित करते हैं।         

(3) इतिहास एवं कला:प्राचीन स्मारकों, विरासत स्थलों, पुरातत्व स्थलों, किलों, महलों तथा धार्मिक स्थलों का आकर्षण भी पर्यटकों को आकर्षित करता है।          

(4) संस्कृति तथा अर्थव्यवस्था: सांस्कृतिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण स्थल पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। इसके अलावा पर्यटक क्षेत्रों के वे अधिवास जहाँ पर्यटकों को सस्ती दरों पर आवासीय व भोजन व्यवस्था उपलब्ध होती है, उन क्षेत्रों की ओर भी अधिक पर्यटक आकर्षित होते हैं। गोवा में हेरीटेज होम्स तथा कर्नाटक में मैडीकेरे तथा कूर्ग इसके उदाहरण हैं।

 

पर्यटन को प्रभावित करने वाले कारक पर्यटन को प्रभावित करने वाले कारक निम्नलिखित हैं:   
(i) माँग: पिछली शताब्दी से अवकाश के लिए माँग में तीव्रता से वृद्धि हुई है। जीवन - स्तर में सुधार एवं बढ़े हुए आराम के समय के कारण बड़ी संख्या में लोग विश्राम के लिए अवकाश पर जाते हैं।          

(ii) परिवहन: परिवहन सेवाओं में सुधार के साथ-साथ पर्यटन क्षेत्रों का भी विस्तार हुआ है। बेहतर सड़क परिवहन में कार द्वारा यात्रा सुगम होती है। पिछले कुछ वर्षों में वायु परिवहन का विस्तार अधिक महत्वपूर्ण रहा है। उदाहरणार्थवायुयान द्वारा कुछ ही घंटों में यात्री अपने घर से विश्व में कहीं भी जा सकता है। अवकाश पैकेज के प्रारम्भ ने पर्यटन लागत घटा दी है।

 

प्रश्न 3.       बाह्यस्रोतन क्या है? किन - किन व्यापारिक क्रियाकलापों का बाह्यस्रोतन किया जाता है? विस्तार से समझाइए।           
उत्तर:
दक्षता को सुधारने तथा प्रति इकाई लागत को घटाने के उद्देश्य से जब देश से बाहर स्थित किसी अभिकरण/कम्पनी को किसी कार्य को सम्पन्न कराने का ठेका दिया जाता है तो यह कार्य बाह्यस्रोतन कहलाता है। जब बाह्यस्रोतन में कार्य सागर पार के स्थानों पर स्थानान्तरित कर दिया जाता है तो इस कार्य को ऑफशोरिंग कहा जाता है। बाह्यस्रोतन तथा ऑफशोरिंग (अपतरन) दोनों कार्य एक साथ किये जाते हैं।

 

बाह्यस्रोतन से सम्बन्धित व्यापारिक क्रियाकलाप: वर्तमान समय में जिन कार्यों का विकसित देशों से बाह्यस्रोतन किया जा रहा है, उनमें सूचना प्रौद्योगिकी, मानव संसाधन, ग्राहक सहायता तथा काल सेंटर सेवायें प्रमुख रूप से सम्मिलित हैं। इसके अतिरिक्त बाह्यस्रोतन में कई बार विनिर्माण एवं अभियांत्रिकी को भी सम्मिलित किया जाता है।       

(i) आँकड़ा प्रक्रमण: यह सूचना प्रौद्योगिकी से सम्बन्धित एक सेवा है जिसे सरलता से एशियाई, पूर्वी यूरोपीय एवं अफ्रीकी देशों में क्रियान्वित किया जा सकता है। इन देशों में विकसित देशों की अपेक्षा कम पारिश्रमिक पर अंग्रेजी भाषा में अच्छी दक्षता वाले सूचना प्रौद्योगिकी में कुशल कर्मचारी उपलब्ध हो जाते हैं। यही कारण है कि हैदराबाद, अथवा मनीला में स्थापित एक कम्पनी भौगोलिक सूचना तंत्र की तकनीक पर आधारित परियोजना पर संयुक्त राज्य अमेरिका अथवा जापान जैसे देशों के लिए कार्य करती है। श्रम सम्बन्धी कार्यों को समुद्र पार क्रियान्वित करने से चाहे वह भारत, चीन के अतिरिक्त अफ्रीकी महाद्वीप का कम सघन जनसंख्या वाला देश बोत्सवाना हो ऊपरी लागत बहुत कम होती है जिससे यह सेवा कम्पनी के लिए लाभप्रद होती है। 

 

(ii) कॉल सेन्टर: बाह्यस्रोतन के फलस्वरूप भारत, चीन, इजराइल, फिलीपीन्स एवं कोस्टारिका आदि देशों के साथ-साथ पूर्वी यूरोप के देशों में बड़ी भारी संख्या में कॉल सेन्टर खोले गये हैं। इससे इन देशों में नवीन कार्य उत्पन्न हुए हैं। बाह्यस्रोतन उन देशों में आ रहा है जहाँ सस्ता एवं कुशल श्रम पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। ये आप्रवास वाले देश हैं। बाह्यस्रोतन के माध्यम से कार्य उपलब्ध होने से इन देशों से प्रवास कम हो सकता है। बाह्यस्रोतन वाले देशों में युवक इसका विरोध कर रहे हैं क्योंकि उनके लिए रोजगार के अवसर कम हो रहे हैं। बाह्य स्रोतन से तुलनात्मक लाभ मिलता है।

 

(iii) नवीन प्रवृत्तियाँ: चतुर्थक सेवाओं की नवीन प्रवृत्तियों में ज्ञान प्रक्रमण बाह्यस्रोतन एवं होम शोरिंग हैं। ये बाह्यस्रोतन के विकल्प हैं। ज्ञान प्रक्रमण बाह्यस्रोतन एवं व्यवसाय बाह्यस्रोतन में अंतर है क्योंकि इनमें उच्च श्रेणी के कुशल कर्मचारी संलग्न होते हैं। यह सूचना प्रेरित ज्ञान की बाह्यस्रोतन है। ज्ञान प्रक्रमण बाह्यस्रोतन कंपनियों में रोजगार के अवसर
 बढ़ाने में सहायक सिद्ध होता है। ज्ञान प्रक्रमण बाह्यस्रोतन के प्रमुख उदाहरणों में अनुसंधान एवं विकास क्रियाएँ, व्यवसाय अनुसंधान, बौद्धिक सम्पदा, अनुसंधान, कानूनी व्यवसाय, बैंकिंग सेक्टर एवं ई-लर्निंग आदि सम्मिलित हैं।               

 

चार्ट पर आधारित प्रश्न:

प्रश्न 1.       सेवा सेक्टर का वर्गीकरण एक चार्ट के माध्यम से कीजिए। 
उत्तर:





 

 


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