Class-11
Geography
Chapter- 1
(भूगोल एक विषय के रूप में)
सुमेलन सम्बन्धी प्रश्न
निम्न में स्तम्भ 'अ' को स्तम्भ 'ब' से सुमेलित
कीजिएस्तम्भ 'अ' (विज्ञान/विषय)
|
स्तभ्भ
'अ' (विज्ञान/विषय) |
स्तम्भ
'ब' (सम्बन्ध) |
|
I. जलवायु विज्ञान |
(अ) मानव भूगोल |
|
II. अधिवास भूगोल |
(ब) जीव भूगोल |
|
III.
वनस्पति भूगोल |
(स) भौतिक भूगोल |
उत्तर:
|
स्तभ्भ
'अ' (विज्ञान/विषय) |
स्तम्भ
'ब' (सम्बन्ध) |
|
I. जलवायु विज्ञान |
(स) भौतिक भूगोल |
|
II. अधिवास भूगोल |
(अ) मानव भूगोल |
|
III.
वनस्पति भूगोल |
(ब) जीव भूगोल |
रिक्त
स्थान पूर्ति सम्बन्धी प्रश्न-
निम्न
वाक्यों में रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
I. भूगोल.......... का वर्णन है।
II. इरेटॉस्थेनीज एक............."विद्वान थे।
III. भूगोल एक............."विषय है।
IV. मानव विभिन्न स्थैतिक............ में निवास करता है।
V. ........... के लिए भौतिक वातावरण का ज्ञान नितांत आवश्यक है।
उत्तर:
I. पृथ्वी
II. ग्रीक (यूनानी)
III. संश्लेषणात्मक
IV. निकेत
V. सतत् विकास।
सत्य-असत्य
कथन सम्बन्धी प्रश्न
निम्न
कथनों में से सत्य-असत्य कथन की पहचान कीजिए
1. पृथ्वी
की सतह सर्वत्र समरूप नहीं है।
2. पृथ्वी
पर भौतिक व सांस्कृतिक वातावरण में भिन्नता मिलती है।
3. इतिहास
कालिक विश्लेषण का कार्य नहीं करता है।
4. प्रादेशिक
उपागम का सम्बन्ध हम्बोल्ट से है।
5. कृषि
भूगोल आर्थिक भूगोल का अंग है।
उत्तर:
1. सत्य
2. सत्य
3. असत्य
4. असत्य
5. सत्य।
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
भूगोल क्या है ? अथवा भूगोल का शाब्दिक अर्थ
क्या है ?
उत्तर:
भूगोल पृथ्वी का वर्णन है। भूगोल के लिए अंग्रेजी शब्द ज्योग्राफी (Geography)
का प्रयोग किया जाता है। यह शब्द ग्रीक भाषा के दो शब्दों Geo
(पृथ्वी) एवं graphos (वर्णन) से मिलकर बना
है। जिसका अर्थ है-पृथ्वी का वर्णन अथवा पृथ्वी का वर्णन करना।
प्रश्न 2.
इरेटॉस्थेनीज कहाँ के निवासी थे? .
उत्तर:
ग्रीक (यूनान) निवासी।
प्रश्न 3.
रिचर्ड हार्टशोर्न के अनुसार भूगोल को परिभाषित कीजिए।
अथवा
हार्टशोर्न के अनुसार भूगोल का उद्देश्य बताइए।
उत्तर:
रिचर्ड हार्टशोर्न के अनुसार, “भूगोल का
उद्देश्य धरातल की प्रादेशिक/क्षेत्रीय भिन्नता का वर्णन एवं व्याख्या करना
है।"
प्रश्न 4.
अल्फ्रेड हैटनर के अनुसार भूगोल क्या है ?
उत्तर:
अल्फ्रेड हैटनर के अनुसार, "भूगोल धरातल
के विभिन्न भागों में कारणात्मक रूप से सम्बन्धित तथ्यों में भिन्नता का अध्ययन
करता है।"
प्रश्न 5.
भूगोल को क्षेत्रीय भिन्नताओं का अध्ययन क्यों माना जाता है ?
उत्तर:
पृथ्वी पर हमें भौतिक एवं सांस्कृतिक वातावरण में अनेक भिन्नताएँ
दिखाई देती हैं। अनेक तत्वों में समानता एवं असमानता पायी जाती है। अतः भूगोल को
क्षेत्रीय भिन्नता का अध्ययन माना जाता है।
प्रश्न 6.
प्रकृति मानव जीवन के किन-किन पक्षों को प्रभावित करती है ?
उत्तर:
प्रकृति मानव जीवन के विभिन्न पक्षों को प्रभावित करती है। इसकी छाप
उसके वस्त्र, आवास, व्यवसाय एवं
खान-पान आदि पर दिखाई देती है।
प्रश्न 7.
एक सामाजिक विज्ञान के रूप में भूगोल किसका अध्ययन करता है ?
उत्तर:
एक सामाजिक विज्ञान के रूप में भूगोल क्षेत्रीय समाकलन एवं संगठन का
अध्ययन करता है।
प्रश्न 8.
भूगोल का एक संश्लेषणात्मक विषय के रूप में प्राकृतिक एवं सामाजिक
विज्ञानों से किस प्रकार का सम्बन्ध है?
उत्तर:
भूगोल का एक संश्लेषणात्मक विषय के रूप में प्राकृतिक एवं सामाजिक
विज्ञानों से अन्तरापृष्ठ का सम्बन्ध
प्रश्न 9.
समस्त प्रकार के विज्ञानों का मूल उद्देश्य क्या है ?
अथवा
प्राकृतिक या सामाजिक विज्ञानों का मूल उद्देश्य बताइए।
उत्तर:
यथार्थता को ज्ञात करना।
प्रश्न 10.
परम्परागत भौतिक भूगोल कौन-कौन से प्राकृतिक विज्ञानों से सम्बन्धित
है ?
उत्तर:
परम्परागत भौतिक भूगोल भौमिकी, मौसम विज्ञान,
जल विज्ञान एवं मृदा विज्ञान आदि प्राकृतिक विज्ञानों से सम्बन्धित
है।
प्रश्न 11.
जैव भूगोल किन-किन प्राकृतिक विज्ञानों से अत्यधिक निकटता के साथ
जुड़ा हुआ है ?
उत्तर:
जैव भूगोल वनस्पतिशास्त्र, जीव विज्ञान एवं
पारिस्थितिकी विज्ञान के साथ अत्यधिक निकटता के साथ जुड़ा हुआ है।
प्रश्न 12.
पृथ्वी का आकार कैसा है ?
उत्तर:
पृथ्वी का आकार भू-आभ (Geoid) है।
प्रश्न 13.
भू-आभ को द्वि-आयामी में किस प्रकार परिवर्तित किया जा सकता है ?
उत्तर:
भू-आभं को द्वि-आयामी में लेखाचित्रीय या गणितीय विधि से परिवर्तित
किया जा सकता है।
प्रश्न 14.
रेखात्मक अथवा परिमाणात्मक तकनीक में कैसी निपुणता आवश्यक है?
उत्तर:
गणित, सांख्यिकी व अर्थमिति की निपुणता।
प्रश्न 15.
सामाजिक विज्ञान के प्रमुख विषय कौन-कौन से हैं?
उत्तर:
समाजशास्त्र, राजनीति विज्ञान, अर्थशास्त्र, जनांकिकी आदि।
प्रश्न 16.
राजनीतिक भूगोल के अध्ययन की विषयवस्तु बताइए।
उत्तर:
राजनीतिक भूगोल एक क्षेत्रीय इकाई के रूप में राज्य एवं उसकी
जनसंख्या के राजनीतिक व्यवहार का अध्ययन करता है।
प्रश्न 17.
अर्थशास्त्र किनका अध्ययन करता है?
उत्तर:
अर्थशास्त्र अर्थव्यवस्था की मूल विशेषताओं; यथा-उत्पादन,
विवरण, विनिमय व उपभोग का अध्ययन करता है।
प्रश्न 18.
मानचित्र भूगोलवेत्ताओं का बहुत प्रभावशाली उपकरण क्यों माना जाता
है ?
उत्तर:
क्योंकि मानचित्र के माध्यम से ही क्षेत्रीय प्रतिरूप को प्रकाश में
लाने के लिए सारणीबद्ध आँकड़ों को दृश्य रूप में परिवर्तित किया जाता है।
प्रश्न 19.
भूगोल के अध्ययन के दो प्रमुख उपागम कौन-कौन से हैं ?
उत्तर:
1. विषय
वस्तुगत (क्रमबद्ध) उपागम,
2. प्रादेशिक
उपागम।
प्रश्न 20.
वस्तुगत भूगोल के जन्मदाता कौन हैं ?
उत्तर:
अलेक्जेंडर वॉन हम्बोल्ट (जर्मन भूगोलवेत्ता)।
प्रश्न 21.
प्रादेशिक भूगोल का विकास किसने किया ? उत्तर-कार्ल
रिटर (जर्मन भूगोलवेत्ता)।
प्रश्न 22.
भूगोल के अध्ययन का विषयवस्तुगत उपागम क्या है ?
उत्तर:
भूगोल के अध्ययन के विषयवस्तुगत उपागम में एक तथ्य का सम्पूर्ण
वैश्विक स्तर पर अध्ययन किया जाता है। इसके पश्चात् क्षेत्रीय स्वरूप के वर्गीकृत
प्रकारों की पहचान की जाती है।
प्रश्न 23.
भूगोल के अध्ययन का प्रादेशिक उपागम क्या है ?
उत्तर:
भूगोल के अध्ययन के प्रादेशिक उपागम में विश्व को विभिन्न
पदानुक्रमिक स्तर के प्रदेशों में विभाजित किया जाता है। इसके पश्चात् विशेष
प्रदेश में समस्त भौगोलिक तथ्यों का अध्ययन किया जाता है।
प्रश्न 24.
क्रमबद्ध उपागम के आधार पर भूगोल की शाखाओं के नाम बताइए।
उत्तर:
1. भौतिक
भूगोल,
2. मानव
भूगोल,
3. जीव
भूगोल।।
प्रश्न 25.
प्रादेशिक उपागम पर आधारित भूगोल की किन्हीं दो शाखाओं के नाम
लिखिए।
उत्तर:
1. प्रादेशिक
विकास,
2. प्रादेशिक
अध्ययन।
प्रश्न 26.
भौतिक भूगोल क्या है ?
उत्तर;
वह विज्ञान जो पर्यावरण का निर्माण करने वाले भौतिक तत्वों एवं
प्रक्रियाओं का अध्ययन करता है, भौतिक भूगोल कहलाता है। इसके
अन्तर्गत पृथ्वी, ऊर्जा, वायु, जल, मौसम, भू-दृश्य, मृ दा, जन्तु, पौधे आदि
सम्मिलित होते हैं।
प्रश्न 27.
मानव भूगोल क्या है ?
उत्तर:
भूगोल की वह शाखा जिसके अन्तर्गत मानव के जन्म से लेकर वर्तमान समय
तक उसके विकास, क्रियाकलापों, परिवर्तनों
एवं स्थानान्तरणों आदि का अध्ययन किया जाता है, मानव भूगोल
कहलाती है।
प्रश्न 28.
भौतिक भूगोल की किन्हीं दो शाखाओं के नाम लिखिए।
उत्तर:
1. भू-आकृति
विज्ञान,
2. जलवायु
विज्ञान।
प्रश्न 29.
भू-आकृति विज्ञान क्या है ?
उत्तर:
धरातल पर पाई जाने वाली आकृतियों (भू-आकृतियों), उनके क्रमिक विकास तथा सम्बन्धित प्रक्रियाओं का अध्ययन करने वाले विज्ञान
को भू-आकृति विज्ञान कहते हैं।
प्रश्न 30.
जलवायु विज्ञान क्या है ?
उत्तर:
वायुमण्डल की संरचना, मौसम और जलवायु के तत्व,
जलवायु के प्रकार एवं जलवायु प्रदेशों के अध्ययन से सम्बन्धित
विज्ञान को जलवायु विज्ञान कहते हैं।
प्रश्न 31.
जल विज्ञान क्या है ?
उत्तर:
भौतिक भूगोल की वह शाखा जिसके अन्तर्गत धरातल के ऊपर या उसके नीचे
प्रवाहित होने वाली/स्थिर जलराशियों का अध्ययन, उनके भौतिक
प्रभावों को दृष्टि में रखकर किया जाता है; जल विज्ञान कहते
हैं।
प्रश्न 32.
मृदा भूगोल के बारे में आप क्या जानते हैं ?
उत्तर:
भौतिक भूगोल की वह शाखा जिसके अन्तर्गत मृदा के निर्माण, उसकी विशेषताओं, प्रकार, उत्पादकता
स्तर एवं धरातल पर उसके वितरण का अध्ययन किया जाता है, मृदा
भूगोल कहते हैं।
प्रश्न 33.
सामाजिक एवं सांस्कृतिक भूगोल क्या है ?
उत्तर:
मानव भूगोल की वह शाखा जिसके अन्तर्गत समाज एवं उसकी स्थानिक व
प्रादेशिक गत्यात्मकता तथा समाज के योगदान से निर्मित सांस्कृतिक तत्वों का अध्ययन
किया जाता है, सामाजिक एवं सांस्कृतिक भूगोल कहलाती है।
प्रश्न 34.
जनसंख्या भूगोल क्या है ?
अथवा
जनसंख्या भूगोल की विषय सामग्री बताइए।
उत्तर:
मानव भूगोल की वह शाखा जिसके अन्तर्गत ग्रामीण व नगरीय क्षेत्रों
में जनसंख्या वृद्धि, उसका वितरण, घनत्व,
लिंग-अनुपात, प्रवास एवं व्यावसायिक संरचना
आदि का: अध्ययन किया जाता है, जनसंख्या भूगोल कहलाती है।
प्रश्न 35.
अधिवास भूगोल से आपका क्या आशय है ?
उत्तर:
मानव भूगोल की वह शाखा जिसके अन्तर्गत ग्रामीण एवं नगरीय अधिवासों
की स्थिति, उत्पत्ति, प्रतिरूप एवं
संरचना आदि तथ्यों का अध्ययन किया जाता है, अधिवास भूगोल
कहलाती है।
प्रश्न 36.
आर्थिक भूगोल क्या है?
उत्तर:
मानव की आर्थिक क्रियाओं का अध्ययन करने वाला विज्ञान/विषय आर्थिक
भूगोल कहलाता है।
प्रश्न 37.
जीव भूगोल का अभ्युदय किस प्रकार हुआ ?
उत्तर:
भौतिक भूगोल एवं मानव भूगोल के अन्तरापृष्ठ के फलस्वरूप जीव भूगोल
का अभ्युदय हुआ।
प्रश्न 38.
जीव भूगोल की किन्हीं दो शाखाओं के नाम लिखिए।
उत्तर:
1. प्राणी
भूगोल,
2. वनस्पति
भूगोल।
प्रश्न 39.
जीव भूगोल क्या है ?
उत्तर;
भूगोल की वह शाखा जिसके अन्तर्गत पादपों और जन्तुओं का वितरण एवं
उनके पर्यावरण के साथ अन्तर्सम्बन्धों का अध्ययन किया जाता है, जीव भूगोल कहलाती है।
प्रश्न 40.
जन्तु भूगोल क्या है ?
अथवा
प्राणी भूगोल क्या है ?
उत्तर:
जीव भूगोल की वह शाखा जिसके अन्तर्गत धरातल पर मिलने वाले प्राणियों
विशेष रूप से जानवरों के वितरण का अध्ययन किया जाता है, जन्तु
भूगोल कहलाती है।
प्रश्न 41.
वनस्पति भूगोल (पादप भूगोल) से आपका क्या आशय है ?
उत्तर:
जीव भूगोल की वह शाखा जिसके अन्तर्गत पृथ्वी पर मिलने वाली वनस्पति
के वितरण एवं उनकी विशेषताओं का अध्ययन किया जाता है, वनस्पति
भूगोल कहलाती है।
प्रश्न 42.
पारिस्थितिकी विज्ञान क्या है ?
उत्तर:
प्रजातियों के निवास क्षेत्र का वैज्ञानिक अध्ययन करने वाली भूगोल
की एक शाखा को पारिस्थितिकी विज्ञान कहा जाता है।
प्रश्न 43.
पर्यावरण भूगोल के अध्ययन की विषयवस्तु बताइए।
उत्तर:
जीव भूगोल की इस शाखा के अन्तर्गत सम्पूर्ण विश्व में पर्यावरणीय
प्रतिबोधन के फलस्वरूप उत्पन्न पर्यावरणीय समस्याओं यथा- भूमि-ह्यस, प्रदूषण व संरक्षण आदि का अध्ययन किया जाता है।
प्रश्न 44.
प्रादेशिक उपगमन के आधार पर भूगोल की शाखाओं के नाम लिखिए।
उत्तर:
1. प्रादेशिक
अध्ययन
2. प्रादेशिक
विकास
3. प्रादेशिक
विश्लेषण
4. प्रादेशिक
योजना।
प्रश्न 45.
भूगोल में किन-किन भू-सूचना विज्ञान तकनीकों का प्रयोग किया जाता है
?
उत्तर:
1. दूर संवेदन
तकनीक,
2. भौगोलिक
सूचना तन्त्र,
3. वैश्विक
स्थितीय तन्त्र।
प्रश्न 46.
मानव सीमित क्षेत्र में जलवायु को किस प्रकार परिवर्तित करता है ?
उत्तर:
मानव वातानुकूलक एवं वायु शीतक आदि उपकरणों की सहायता से सीमित
क्षेत्र में जलवायु को परिवर्तित करता है।
प्रश्न 47.
मृदा निर्माण प्रक्रिया किन दशाओं पर निर्भर है?
उत्तर:
मूल चट्टानों, जलवायु, जैविक
प्रक्रिया व समयावधि पर ।
प्रश्न 48.
विश्व में पारिस्थितिक असन्तुलन किस कारण से उत्पन्न हआ है ?
उत्तर:
विकसित होती तकनीकी की सहायता से संसाधनों के बढ़ते उपयोग के फलस्वरूप
विश्व में पारिस्थितिक असन्तुलन उत्पन्न हो गया है।
प्रश्न 49.
सतत् विकास के लिये किसकी जानकारी होना अति आवश्यक है ?
उत्तर:
सतत् विकास के लिए भौतिक वातावरण की जानकारी होना अति आवश्यक है। 0
लघु उत्तरीय प्रश्न (SA1 प्रश्न)
प्रश्न 1.
भूगोल की कोई दो महत्वपूर्ण परिभाषाएँ दीजिए।
उत्तर:
भूगोल की दो महत्वपूर्ण परिभाषाएँ निम्नलिखित हैं
रिचर्ड हार्टशोर्न के अनुसार, “भूगोल का
उद्देश्य धरातल की प्रादेशिक अथवा क्षेत्रीय भिन्नता का वर्णन एवं व्याख्या करना
है।"
अल्फ्रेड हैटनर के अनुसार, "भूगोल धरातल
के विभिन्न भागों में कारणात्मक रूप से सम्बन्धित तथ्यों में भिन्नता का अध्ययन
करता है।
प्रश्न 2.
हमें भूगोल क्यों पढ़ना चाहिए अथवा भूगोल का अध्ययन क्यों आवश्यक है
?
उत्तर:
भूगोल का अध्ययन इसलिए किया जाता है क्योंकि हम धरातल पर रहते हैं।
हमारा जीवन हमारे आस-पास के वातावरण से प्रभावित होता है। हम जीवनयापन करने के लिए
आस-पास के संसाधनों पर निर्भर रहते हैं तथा हम जानते हैं कि प्राकृतिक संसाधन आधार,
तकनीकी विकास, भौतिक वातावरण के साथ अनुकूलन
एवं उसका परिष्करण, सामाजिक संगठन एवं सांस्कृतिक विकास में
विभिन्नता पायी जाती है। इन सबको जानने के लिए भूगोल का अध्ययन आवश्यक हो जाता है।
प्रश्न 3.
अनेक प्राकृतिक एवं सामाजिक विज्ञान धरातल की वास्तविकताओं के
विभिन्न पक्षों का अध्ययन क्यों करते हैं?
उत्तर:
वास्तविकता बहुआयामी होती है और पृथ्वी की प्रकृति भी बहुआयामी है।
इसलिए अनेक प्राकृतिक विज्ञान; जैसे-मृदा विज्ञान, समुद्र विज्ञान, वनस्पति शास्त्र, जीव विज्ञान, मौसम विज्ञान अन्य सहविज्ञान तथा
सामाजिक विज्ञान के अनेक सहयोगी विषय; जैसे-अर्थशास्त्र,
इतिहास, समाजशास्त्र, जन्तु
विज्ञान व राजनीति विज्ञान आदि धरातल की वास्तविकता के विभिन्न पक्षों का अध्ययन
करते हैं। भूगोल अन्य विज्ञानों की विषयवस्तु से भिन्न है लेकिन अन्य विषयों से
इसका निकट का सम्बन्ध है।
प्रश्न 4.
"भूगोल 'प्रकृति' एवं
'मानव' के समग्र इकाई के रूप में अन्तः
प्रक्रिया के अध्ययन से सम्बन्धित है।" कथन को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
भौतिक तथा मानवीय दोनों प्रकार के तथ्य स्थिर नहीं हैं बल्कि
गत्यात्मक हैं। ये सतत् परिवर्तनशील पृथ्वी तथा निरन्तर क्रियाशील मानव के मध्य
आबद्ध प्रक्रियाओं के फलस्वरूप कालांतर में परिवर्तित होते रहते हैं। आदिम मानव
समाज अपने निकटवर्ती पर्यावरण पर प्रत्यक्ष रूप से निर्भर रहता था परन्तु वर्तमान
में ऐसी स्थिति नहीं है। वह प्रकृति पर अपनी छाप छोड़ता है तथा प्रकृति के सहयोग
से नयी संभावनाओं का सृजन करता है।
प्रश्न 5.
एक वैज्ञानिक विषय के रूप में भूगोल कौन-कौन से प्रश्नों से
सम्बन्धित है ? संक्षिप्त विवरण दीजिए। उत्तर-एक वैज्ञानिक
विषय के रूप में भूगोल निम्नलिखित तीन प्रश्नों से सम्बन्धित है
1. कुछ
प्रश्न धरातल पर पाए जाने वाले प्राकृतिक एवं सांस्कृतिक विशेषताओं के प्रतिरूप की
पहचान से सम्बन्धित होते हैं जो कि 'क्या' प्रश्न के
उत्तर देते हैं।
2. कुछ
प्रश्न पृथ्वी पर भौतिक-सांस्कृतिक तत्वों के वितरण से सम्बन्धित होते हैं जो कि 'कहाँ'
प्रश्न का उत्तर देते हैं।
3. तीसरा
प्रश्न व्याख्या अथवा तत्वों एवं तथ्यों के मध्य कार्य-कारण सम्बन्ध से जुड़ा हुआ
है। भूगोल का यह पक्ष 'क्यों' प्रश्न से जुड़ा हुआ है।
प्रश्न 6.
"भूगोल एक समाकलन विषय के रूप में है ?" स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
भूगोल एक संश्लेषणात्मक विषय है जो क्षेत्रीय संश्लेषण तथा इतिहास
कालिक संश्लेषण का प्रयास करता है। इसके उपागम की प्रकृति समग्रात्मक होती है। यह
इस तथ्य को मानता है कि विश्व एक परस्पर निर्भर तन्त्र है। भूगोल का एक
संश्लेषणात्मक विषय के रूप में अनेक प्राकृतिक एवं सामाजिक विज्ञानों से परस्पर
अन्तर्सम्बन्ध है। प्राकृतिक या सामाजिक सभी विज्ञानों का एक मूल उद्देश्य
है-यथार्थता को ज्ञात करना। भूगोल यथार्थता से जुड़े तथ्यों के साहचर्य को बोधगम्य
बनाता है। अत: भूगोल न केवल एक स्थान से दूसरे स्थान में तथ्यों की भिन्नता पर
ध्यान देता है बल्कि उन्हें समग्रता से समाकलित करता है।
प्रश्न 7.
भूगोल स्थानिक सन्दर्भ में यथार्थता को समग्रता से समझने में किस
प्रकार सहायक है ?
उत्तर:
भूगोल का अन्य विज्ञानों के साथ सम्बन्ध यह दर्शाता है कि उनके अनेक
तत्व स्थानिक सन्दर्भ में भिन्न-भिन्न होते हैं। भूगोल न केवल एक स्थान से दूसरे
स्थान में तथ्यों की भिन्नता पर ध्यान देता है अपितु उनको समग्रता में समाकलित
करता है। भूगोलवेत्ता को सभी सम्बन्धित क्षेत्रों की व्यापक समझ रखने की आवश्यकता
होती है जिससे कि वह उनको तार्किक रूप से संश्लेषित कर सके। स्थानिक दशाएँ
ऐतिहासिक रूप में उल्लेखनीय कारक रही हैं। -
प्रश्न 8.
भौतिक भूगोल एवं प्राकृतिक विज्ञान कैसे सम्बन्धित हैं ? बताइए।
उत्तर:
भौतिक भूगोल की सभी प्रमुख शाखाएँ प्राकृतिक विज्ञान से सम्बन्धित
हैं। भौतिक भूगोल-भौमिकी, मौसम विज्ञान, जल विज्ञान तथा मृदा विज्ञान से सम्बन्धित है। इसी प्रकार प्राकृतिक
विज्ञान, भू-आकृति विज्ञान, जलवायु
विज्ञान, सामुद्रिक विज्ञान तथा मृदा विज्ञान से घनिष्ठ रूप
से सम्बन्धित है। जीव भूगोल का वनस्पतिशास्त्र, जीव विज्ञान
तथा पारिस्थितिकी विज्ञान से निकट का सम्बन्ध है। इस प्रकार भौतिक भूगोल तथा
प्राकृतिक विज्ञान एक-दूसरे से अन्तर्सम्बन्धित हैं।
प्रश्न 9.
भूगोलवेत्ता को किन-किन गुणों में निपुण होना चाहिए?
उत्तर:
एक भूगोलवेत्ता को गणित व कला, विशेषत:
मानचित्र रेखांकन में निपुण होना चाहिए, साथ ही रेखात्मक व
परिमाणात्मक तकनीकों के प्रयोग हेतु सांख्यिकी व अर्थमिति की प्रवीणता उसे और अधिक
दक्ष बनाती है। खाका चित्रण, मानस मानचित्र व मानचित्रण की
निपुणता भूगोलवेत्ता को पूर्णता प्रदान करती है। रेखाचित्रण, प्रक्षेपण की निपुणता, भूगोलवेत्ता को लेखाचित्रीय
पूर्णता प्रदान करती है।
प्रश्न 10.
भूगोल तथा सामाजिक विज्ञानों के सम्बन्ध को संक्षेप में बताइए।
उत्तर:
सामाजिक विज्ञान के सभी विषय-समाजशास्त्र, राजनीतिशास्त्र,
अर्थशास्त्र, जनांकिकी आदि सामाजिक यथार्थ की
व्याख्या एवं विश्लेषण करते हैं। भूगोल की सभी शाखाएँ-सामाजिक भूगोल, राजनीतिक भूगोल, आर्थिक भूगोल, जनसंख्या एवं अधिवास भूगोल आदि भी धरातल के सम्बन्ध में वास्तविकताओं के
निरूपण की व्याख्या करते हैं। ये सभी अन्तक्रियात्मक रूप से जुड़े हैं और इनमें
स्थानिक विशेषताएँ मिलती हैं। इस प्रकार प्रत्येक सामाजिक विज्ञान, भूगोल से घनिष्ठता के साथ सम्बद्ध है।
प्रश्न 11.
भूगोल के अध्ययन के प्रमुख उपागमों को संक्षेप में बताइए। .
उत्तर:
जिन विधियों के द्वारा किसी विषय का अध्ययन किया जाता है, उसे उपागम कहते हैं। भूगोल के अध्ययन के दो प्रमुख उपागम हैं
(1) विषय-वस्तुगत या क्रमबद्ध उपागम, तथा
(2) प्रादेशिक उपागम। क्रमबद्ध उपागम का प्रवर्तन जर्मन भूगोलवेत्ता
हम्बोल्ट द्वारा तथा प्रादेशिक उपागम का प्रवर्तन कार्ल रिटर द्वारा क्रमशः 18वीं एवं 19वीं शताब्दी में किया गया। क्रमबद्ध उपागम
में किसी विषय का अध्ययन विश्व स्तर पर क्रमिक रूप से एक के पश्चात् एक करके किया
जाता है, जबकि प्रादेशिक उपागम में किसी विस्तृत क्षेत्र को
प्रदेशों में बाँटकर फिर उसमें विभिन्न तथ्यों का क्रमिक विवेचन किया जाता है।
वस्तुतः दोनों उपागम एक-दूसरे से अलग नहीं हैं बल्कि प्रतिपूरक हैं और भूगोल का
अध्ययन दोनों के अन्तर्सम्बन्धित अध्ययन से पूर्ण होता है।
प्रश्न 12.
ऐतिहासिक भूगोल क्या है ? अथवा ऐतिहासिक भूगोल
की विषयवस्तु को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
भौतिक एवं मानव भूगोल के ऐतिहासिक कालों के विवरण का अध्ययन
ऐतिहासिक भूगोल कहलाता है। इस विषय के अन्तर्गत उन ऐतिहासिक प्रक्रियाओं का अध्ययन
किया जाता है जो क्षेत्र को संगठित करती हैं। ऐतिहासिक भूगोलवेत्ता भूगोल के
ऐतिहासिक पक्ष पर बल देते हैं तथा भूगोल की विभिन्न अवधारणाओं एवं सन्दर्भो को
इतिहास से जोड़ने का प्रयास करते हैं। ये दोनों ही आपस में मिलकर मानव भूगोल के
क्षेत्र को समृद्ध बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। भौगोलिक तत्वों की
सामयिक परिवर्तनशीलता व पूर्व ऐतिहासिक अनुभव इसके अध्ययन की आधारशिला है।
प्रश्न 13.
राजनीतिक भूगोल की विषय सामग्री को बताइए।
उत्तर:
भूगोल की वह शाखा जो राज्य की सीमाओं, विभागों
एवं अधिकार क्षेत्रों के सम्बन्ध में विचार करती है, राजनीतिक
भूगोल कहलाती है।राजनीतिक भूगोल क्षेत्र विशेष को राजनीतिक घटनाओं के दृष्टिकोण से
देखता है एवं सीमाओं, निकटवर्ती पड़ोसी देशों व प्रदेशों के
मध्य भू-वैन्यासिक सम्बन्ध, निर्वाचन क्षेत्र का परिसीमन एवं
चुनाव परिदृश्य का विश्लेषण करता है। इसके साथ ही जनसंख्या के राजनीतिक व्यवहार को
समझने के लिए सैद्धान्तिक रूपरेखा का विकास करता है।
प्रश्न 14.
जीव-भूगोल की प्रमुख शाखाओं का उल्लेख कीजिए। उत्तर-जीव-भूगोल की
प्रमुख शाखाएँ निम्नलिखित हैं
1. प्राणी
भूगोल-इसमें विभिन्न जीवों के आवास एवं उनके स्थानिक स्वरूप और उनकी भौगोलिक
विशेषताओं का अध्ययन किया जाता है।
2. वनस्पति
भूगोल- इसमें वनस्पति, उनके पर्यावरणीय विशेषताओं, वितरण,
उपयोगिता, संरक्षण आदि का अध्ययन किया जाता
है।
3. पारिस्थितिकी
विज्ञान-इसमें प्रजातियों के निवास/स्थिति आदि का भौगोलिक विश्लेषण किया जाता है।
4. पर्यावरण
भूगोल-इसमें विश्व-पर्यावरण के कारकों, विशेषताओं, पर्यावरण
प्रदूषण के प्रकार, कारकों, प्रभावों,
संरक्षण तकनीकों आदि का अध्ययन किया जाता है।
प्रश्न 15.
प्रादेशिक उपागम पर आधारित भूगोल की शाखाओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर-प्रादेशिक उपागम पर आधारित भूगोल की प्रमुख शाखाएँ निम्नलिखित हैं
1. क्षेत्रीय
एवं प्रादेशिक अध्ययन-विश्व को वृहद्, मध्यम एवं लघु स्तरों में बाँटकर
अध्ययन करना।
2. प्रादेशिक
नियोजन-ग्रामीण एवं नगरीय नियोजन।
3. प्रादेशिक
विकास।
4. प्रादेशिक
विवेचना एवं विश्लेषण।
प्रश्न 16.
भूगोल की विषय-वस्तु में ढाँचागत परिवर्तन किस प्रकार हो रहा है?
अथवा
भूगोल किस प्रकार एक नया रूप लेता जा रहा है?
उत्तर:
भूगोल की विषय-वस्तु स्थैतिक अवश्य है किन्तु इसमें परिवर्तनशीलता
मिलती है। नई सोच, नई समस्याओं व नई पद्धतियों व तकनीकों ने
इसे एक नवीन स्वरूप प्रदान किया है। भूगोल में मात्रात्मक क्रांति के आगमन संगणक
निर्मित मानचित्रण, आँकड़ों के प्रबंधन, इन्टरनेट के प्रयोग, विश्लेषण क्षमता की वृद्धि,
भौगोलिक सूचना तंत्र के प्रयोग, वैश्विक
स्थितीय तंत्र की प्रयोगशीलता व तकनीक विस्तार ने इसे एक नवीन आयाम प्रदान किया है,
जिससे भूगोल एक नवीन स्वरूप लेता जा रहा है।
लघु उत्तरीय प्रश्न (SA2 प्रश्न)
प्रश्न 1.
भूगोल की प्रकृति का वर्णन संक्षेप में कीजिए।
उत्तर;
भूगोल की प्रकृति समय के साथ-साथ परिवर्तनशील रही है। विकासक्रम के
आधार पर भूगोल की प्रकृति को संक्षेप में निम्न प्रकार से स्पष्ट किया जा सकता है
(1) भूगोल पृथ्वी तल का विज्ञान है-भूगोल मुख्य रूप से पृथ्वी तल का
अध्ययन है। किसी तत्व के सन्दर्भ में भूगोल की विषय-वस्तु पृथ्वी तल ही हो सकती
है। हम्बोल्ट जैसे भूगोलवेत्ता ने प्रकृति के समष्टि अध्ययन को ही भूगोल का विषय
माना था।
(2) भूगोल
विभिन्न तत्वों के अन्तर्सम्बन्धों का विज्ञान है- भूगोल में विभिन्न तत्वों का
अलग-अलग अध्ययन नहीं किया जाता बल्कि विभिन्न तत्वों के पारस्परिक सम्बन्धों से
उत्पन्न भू-दृश्यों की विस्तृत विवेचना की जाती है। अतः कहा जा सकता है कि भूगोल
अन्तर्सम्बन्धों का विज्ञान है।
(3) भूगोल
प्रादेशिक समाकलन का अध्ययन है-भूगोल में अध्ययन की सुविधा के लिए प्रादेशीकरण एवं
सीमांकन किया जाता है। एक प्रदेश अपनी समांगता व कार्यात्मक एकता के आधार पर दूसरे
प्रदेशों से भिन्न हो जाता है। भूगोल में प्रदेशों के समाकलित अध्ययन पर बल दिया
जाता है।
(4) भूगोल
संश्लेषणात्मक विज्ञान है-भूगोल का मुख्य कार्य प्रदेश विशेष के सन्दर्भ में
विभिन्न तत्वों के अन्तर्सम्बन्धों का समाकलन करना है।
(5) भूगोल
व्यावहारिक समस्याओं के निराकरण का विज्ञान है-भूगोल एक व्यावहारिक विज्ञान है,
जिसके अध्ययन का मुख्य उद्देश्य क्षेत्र/प्रदेश की समस्याओं की खोज
करके उसके समाधान हेतु विधि एवं नियोजन प्रस्तुत करना है।
वर्तमान समय में भूगोल एक अन्तरानुशासित विज्ञान बन गया है। इसका
मुख्य उद्देश्य मानव एवं प्रकृति के अन्तर्सम्बन्धों को समझते हुए संसाधनों के
समुचित उपयोग तथा मानव के विकास हेतु अपनी योजनाएँ प्रस्तुत करना है।
प्रश्न 2.
भूगोल के अध्ययन के उद्देश्यों को संक्षेप में बताइए।
उत्तर:
भूगोल का मुख्य उद्देश्य पृथ्वी तथा मानव की वास्तविकताओं का ज्ञान
प्राप्त करना तथा मानव समृद्धि एवं विकास के लिए स्थानिक संगठन को समझना है। भूगोल
के उद्देश्य को संक्षेप में निम्न प्रकार से स्पष्ट कर सकते हैं
1. पृथ्वी
तल का मानव संसार के रूप में अध्ययन करना।
2. स्थानों
तथा प्रदेशों की विभिन्नताओं और उनके समाकलित स्वरूप की व्याख्या करना।
3. पृथ्वी
तल पर विभिन्न संसाधनों, मानव संसाधनों तथा अधिवासों का विस्तृत अध्ययन करना।
4. विभिन्न
प्रदेशों के पार्थिव घटनाक्रम को समझना तथा उनके मानव क्रियाओं से अन्तर्सम्बन्धित
स्वरूप का अध्ययन करना।
5. विभिन्न
प्रदेशों के संसाधनों का मूल्यांकन करना, उनका समुचित उपयोग करते हुए मानव के
विकास में समुचित योगदान देना। सतत् विकास की गति को अनवरत बनाये रखने का प्रयास
करना।
इस प्रकार भूगोल के अध्ययन
का मुख्य उद्देश्य मानव एवं पर्यावरण के अन्तर्सम्बन्धों को समझते हुए सतत् विकास
की प्रक्रिया को बनाये रखना है।
प्रश्न 3.
भूगोल एवं इतिहास के सम्बन्धों को संक्षेप में बताइए।
उत्तर:
भूगोल एवं इतिहास एक-दूसरे से घनिष्ठ रूप से सम्बन्धित हैं। इतिहास
मानव की भूतकालीन घटनाओं का अध्ययन करने वाला विषय है। वर्तमान भौगोलिक घटनाएँ
अतीत के गर्भ में इतिहास बन जाती हैं। भूगोल की पृष्ठभूमि में जो घटनाएँ घटित होती
हैं, वे ही आगे चलकर इतिहास को सुदृढ़ आधार प्रदान करती हैं। भूगोल ऐतिहासिक घटनाओं को प्रभावित भी करता है। स्थानिक दूरी एवं
क्षेत्रीय विस्तार किसी देश की सुरक्षा में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
समुद्री सीमाएँ किसी देश की
सुरक्षा से प्रत्यक्ष रूप से जुड़ी हैं। नौ-संचालन की सुविधाओं ने एशियाई एवं
अफ्रीकी राष्ट्रों पर औपनिवेशीकरण में सहायता दी। इस प्रकार भौगोलिक तत्व विश्व के
विभिन्न भागों में इतिहास की धारा को परिवर्तित करने में महत्त्वपूर्ण सिद्ध हुए। अतः
स्पष्ट है कि प्राचीन इतिहास वर्तमान भूगोल है और बीता हुआ भूगोल, इतिहास है। भूगोल की एक शाखा ऐतिहासिक भूगोल है जिसमें भूगोल के कालक्रमिक
विकास का अध्ययन किया जाता है। अतः दोनों घनिष्ठ रूप से सम्बन्धित हैं।
प्रश्न 4.
भूगोल प्राकृतिक एवं सामाजिक विज्ञानों से किस प्रकार घनिष्ठता से
जुड़ा हुआ है ? संक्षेप में स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
भूगोल की शाखा भौतिक भूगोल भौमिकी, मौसम
विज्ञान, जल विज्ञान, मृदा विज्ञान से
सम्बन्धित है। इसी प्रकार भू-आकृति विज्ञान, जलवायु विज्ञान,
सामुद्रिक विज्ञान, मृदा भूगोल का प्राकृतिक
विज्ञान से निकटता का सम्बन्ध है क्योंकि ये अपनी सूचनाएँ उन्हीं से प्राप्त करते
हैं। सामाजिक विज्ञान के समस्त विषय; जैसे समाज शास्त्र,
अर्थशास्त्र, राजनीतिशास्त्र आदि सामाजिक
यथार्थता का अध्ययन करते हैं। भूगोल की सभी शाखाएँ: जैसे-सामाजिक भूगोल, आर्थिक भूगोल, राजनीतिक भूगोल, जनसंख्या भूगोल व अधिवास भूगोल आदि उक्त विषयों से घनिष्ठता से जुड़े हुए
हैं क्योंकि इनमें से प्रत्येक में स्थानिक विशेषताएँ मिलती हैं।
जैसे-राजनीतिशास्त्र का मूल उद्देश्य राज्य-क्षेत्र, जनसंख्या
व प्रभुसत्ता का विश्लेषण है जबकि राजनीतिक भूगोल एक क्षेत्रीय इकाई के रूप में
राज्य एवं उसकी जनसंख्या के राजनीतिक व्यवहार का अध्ययन करता है। इसी प्रकार
अर्थशास्त्र व जनांकिकी आदि विषय क्रमशः आर्थिक भूगोल व जनसंख्या भूगोल से सम्बद्ध
हैं। इस प्रकार स्पष्ट होता है कि भूगोल प्राकृतिक एवं सामाजिक विज्ञान से
घनिष्ठता से जुड़ा हुआ है।
प्रश्न 5.
“एक भूगोलवेत्ता को गणित एवं कला विशेषकर मानचित्र रेखांकन में
निपुण होना चाहिए।" कथन को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
एक भूगोलवेत्ता को गणित एवं कला विशेषकर मानचित्र रेखांकन में निपुण
होना चाहिए। भूगोल अक्षांश एवं देशांतर का विवरण प्रस्तुत करता है। पृथ्वी का आकार
भू-आभ है लेकिन भूगोलवेत्ता का मूल उपकरण मानचित्र है जो कि द्वि-आयामी प्रदर्शन
करता है। भू-आभ को द्वि-आयामी में परिवर्तित करने का समाधान लेखाचित्रीय अथवा
गणितीय विधि से निर्मित प्रक्षेपण के माध्यम से ही प्राप्त किया जा सकता है।
रेखात्मक एवं परिमाणात्मक तकनीक में गणित, सांख्यिकी एवं
अर्थमिति में निपुणता की आवश्यकता होती है। मानचित्र कलात्मक कल्पना के माध्यम से
तैयार किये जाते हैं। खाका, मानस मानचित्र एवं मानचित्रकला
हेतु कला में निपुणता अति आवश्यक है।
प्रश्न 6.
भौतिक भूगोल की प्रमुख शाखाएँ कौन-कौन सी हैं ? संक्षेप में बताइए। उत्तर-भौतिक भूगोल की प्रमुख शाखाएँ निम्न हैं
1. भू-आकृति
विज्ञान-इसमें धरातलीय आकृतियों, उनकी उत्पत्ति के कारकों, विकासक्रम एवं प्रक्रियाओं का अध्ययन किया जाता है।
2. जलवायु
विज्ञान-इसमें जलवायु एवं मौसम के कारकों, जलवायु के पर्यावरणीय प्रभावों तथा
जलवायु प्रदेशों का विस्तृत अध्ययन किया जाता है।
3. जल
विज्ञान-इसमें धरातल के जलीय परिमण्डल, उनके धरातलीय स्वरूप, तापक्रम, लवणता, निक्षेप,
जलीय जीवों के वितरण पर इनके प्रभावों आदि का अध्ययन किया जाता है।
4. मृदा
भूगोल-इसमें मिट्टियों की उत्पत्ति, प्रक्रियाओं, प्रकार,
उत्पादकता स्तर, वितरण पर प्रभावों एवं अन्य
भौगोलिक कारकों आदि का अध्ययन होता है।
प्रश्न 7.
मानव भूगोल की शाखाओं का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
उत्तर-मानव भूगोल की प्रमुख शाखाएँ निम्नलिखित हैं
1. सामाजिक/सांस्कृतिक
भूगोल-इसमें मानव के सामाजिक/सांस्कृतिक पर्यावरण का क्षेत्रीय अध्ययन किया जाता
है।
2. जनसंख्या
एवं अधिवास भूगोल-इसमें जनसंख्या-संरचना, जनसंख्या वृद्धि सिद्धान्त, कारणों, समाधान के उपाय, ग्रामीण
एवं नगरीय जनसंख्या, प्रवास, व्यावसायिक
संरचना आदि का अध्ययन होता है। अधिवास भूगोल में अधिवासों की उत्पत्ति, विकास, ग्रामीण एवं नगरीय अधिवास के प्रकार व
प्रतिरूप आदि का विस्तृत अध्ययन होता है।
3. आर्थिक
भूगोल-आर्थिक भूगोल में आर्थिक संसाधनों के वितरण, उपयोग, संरक्षण
आदि का विस्तृत विवेचन होता है।
4. ऐतिहासिक
भूगोल-इसमें भौगोलिक कारकों की ऐतिहासिक व्याख्या की जाती है।
5. राजनीतिक
भूगोल-इसमें राजनीतिक घटनाओं की क्षेत्रीय व्याख्या, सीमाओं, पड़ोसी
इकाइयों के सम्बन्धों एवं निर्वाचन व्यवहारों तथा इकाइयों का क्षेत्रीय अध्ययन
किया जाता है।
प्रश्न 8.
भूगोल के विषय-क्षेत्र की व्याख्या संक्षेप में कीजिए।
उत्तर:
भूगोल के विषय-क्षेत्र से अभिप्राय उस समस्त सामग्री से है जिसका
अध्ययन भूगोल के अन्तर्गत किया जाता है। स्पष्टतया पृथ्वी तल का मानव संसार के रूप
में अध्ययन भूगोल का मुख्य विषय है। दूसरे शब्दों में, हम
भूगोल के अन्तर्गत पृथ्वी तल के उस भाग का विस्तृत अध्ययन करते हैं, जिस पर मानव निवास करता है, मानव क्रियाएँ सम्पन्न
होती हैं और मानव प्राकृतिक वातावरण को परिवर्तित करके सांस्कृतिक भू-दृश्यों का
निर्माण करता है। इसके अन्तर्गत उन विषयों को भी सम्मिलित किया जाता है जो मानव
क्रियाओं को प्रभावित करते हैं। संक्षेप में हम भूगोल के विषय-क्षेत्र के अन्तर्गत
निम्नलिखित विषयों का अध्ययन करते हैं
1. स्थलमण्डल-इसके
अन्तर्गत महाद्वीपों, द्वीपों, पर्वतों, पठारों, मैदानों, प्राकृतिक
घटनाओं तथा प्राकृतिक संसाधनों का अध्ययन करते हैं।
2. वायुमण्डल-इसमें
वायुमण्डल की विशेषतः निचली परत क्षोभमण्डल का विस्तृत अध्ययन करते हैं।
3. जलमण्डल-महासागरीय
नितल, महासागरीय जल की विशेषताओं, महासागरीय संसाधनों आदि
का अध्ययन भूगोल की विषय-वस्तु के अन्तर्गत आता है।
4. जैवमण्डल-जैवमण्डल
में मानव तथा वृहद् जीव एवं उनकी खाद्य श्रृंखला, पारिस्थितिकी प्राचल (Ecological
Parametres) तथा पारिस्थितिकी सन्तुलन का अध्ययन किया जाता है।
5. पृथ्वी
की सूर्य से सापेक्ष स्थिति-इसमें पृथ्वी के ग्रहीय सम्बन्धों का अध्ययन होता है।
वर्तमान समय में भूगोल का
विषय-क्षेत्र परिवर्तित होता जा रहा है, क्योंकि मानव एवं प्रकृति का सम्बन्ध
समय के साथ परिवर्तित होता जा रहा है। अतः पर्यावरणीय समस्याओं, संसाधनों के संरक्षण एवं सतत् विकास की अवधारणा को भूगोल के विषय-क्षेत्र
के अन्तर्गत सम्मिलित किया जाने लगा है।
प्रश्न 9.
भौतिक भूगोल के महत्व को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
भौतिक भूगोल के अन्तर्गत भूमण्डल, वायुमण्डल,
जलमण्डल एवं जैवमण्डल का अध्ययन किया जाता है। वर्तमान समय में
भौतिक भूगोल प्राकृतिक संसाधनों के मूल्यांकन एवं प्रबन्धन से सम्बन्धित विषय के
रूप में विकसित हो रहा है। इस उद्देश्य की पूर्ति हेतु भौतिक पर्यावरण एवं मानव के
मध्य सम्बन्धों को समझना अति आवश्यक है। भौतिक पर्यावरण संसाधन प्रदान करता है तथा
मानव इन संसाधनों का उचित उपयोग कर अपना आर्थिक एवं सांस्कृतिक विकास सुनिश्चित
करता है। तकनीकी की सहायता से संसाधनों के बढ़ते उपयोग ने सम्पूर्ण विश्व में
पारिस्थितिकी असन्तुलन उत्पन्न कर दिया है। अतः सतत् विकास के लिए भौतिक वातावरण
का ज्ञान अति आवश्यक है जो भौतिक भूगोल के महत्व को प्रदर्शित करता है। - दीर्घ
उत्तरीय प्रश्न
Long Answer Types Questions
प्रश्न 1.
भूगोल का विभिन्न प्राकृतिक एवं सामाजिक विज्ञानों से क्या सम्बन्ध
है ? संक्षेप में बताइए।
उत्तर:
भूगोल एक ऐसा विज्ञान है जो भूतल का अध्ययन मानव केन्द्रित
विचारधारा की दृष्टि से करता है। अतएव इसके समग्र अध्ययन में विभिन्न प्राकृतिक
एवं सामाजिक विज्ञानों का स्वतः समावेश हो जाता है। इसका सम्बन्ध विभिन्न भौतिक
एवं सामाजिक विज्ञानों से है।
भूगोल एवं प्राकृतिक
विज्ञानों में सम्बन्ध
(i) भूगोल एवं
खगोल विज्ञान-भूगोल में सौरमण्डल की उत्पत्ति, सूर्य एवं
चन्द्रमा तथा पृथ्वी के सम्बन्धों का अध्ययन किया जाता है। खगोल विज्ञान में भी
खगोल पिण्डों की सापेक्ष स्थितियों की व्याख्या की जाती है। अतएव दोनों का घनिष्ठ
सम्बन्ध है।
(ii) भूगोल
एवं गणित-भूगोल में तथ्यात्मक अध्ययनों पर विशेष बल दिया जाता
है। देशों एवं प्रदेशों की सीमाओं, उनके अक्षांशीय एवं देशान्तरीय
विस्तार, क्षेत्रफल आदि का अध्ययन किया जाता है। वर्तमान समय
में विधितन्त्र में मात्रात्मक तकनीकी का भूगोल में विस्तार होता जा रहा है। अतएव भूगोल
का गणित से प्राचीन समय से ही गहन सम्बन्ध रहा है।
(iii) भूगोल
एवं भू-गर्भ विज्ञान-भूगोल पृथ्वी की सतह का अध्ययन है, किन्तु
पृथ्वी की सतह का स्वरूप बहुत कुछ पृथ्वी की भू-गर्भिक संरचना तथा शक्तियों द्वारा
निर्धारित होता है। खनिज भण्डार पृथ्वी के भू-गर्भ में ही स्थित है। अतः
भू-गर्भशास्त्र एवं भूगोल का गहन सम्बन्ध है।
(iv) भूगोल
एवं जलवायु विज्ञान-जलवायु विज्ञान में विभिन्न प्रदेशों की जलवायविक
दशाओं आदि का अध्ययन किया जाता है जबकि प्रदेश की संकल्पना भूगोल द्वारा निर्धारित
की जाती है। जलवायु एवं मौसमी दशाओं में परिवर्तन, विभिन्न प्रदेशों की जलवायु तथा उनका
मानव जीवन पर प्रभाव तथा धरातलीय संसाधनों पर प्रभाव का अध्ययन भूगोल में किया
जाता है, इसलिए दोनों विज्ञान एक-दूसरे के पूरक हैं।
(v) भूगोल एवं
जल विज्ञान-भूगोल में महासागरों व अन्य जलमण्डलों का विस्तृत विवेचन
होता है। जल विज्ञान में भी जलमण्डलों की विस्तृत विवेचना की जाती है अतएव दोनों
विषयों का घनिष्ठ सम्बन्ध है।
(vi) भूगोल
एवं मृदा विज्ञान-मानव की मुख्य आवश्यकता भोजन की प्राप्ति मिट्टी से
ही होती है। मिट्टी में ही मानव कृषि करके अनेक प्रकार की फसलों को उगाता है।
खाद्यान्नों का उत्पादन करने वाली मिट्टियों का विस्तृत अध्ययन भूगोल तथा मृदा
विज्ञान दोनों में किया जाता है। अतः दोनों विषयों का घनिष्ठ सम्बन्ध है।
(vii) भूगोल
एवं जैव विज्ञान-जैव विज्ञान में विभिन्न जीवों एवं वनस्पतियों का
अध्ययन किया जाता है। वनस्पतियाँ एवं जीव प्रमुख प्राकृतिक संसाधन हैं जिनका
अध्ययन भूगोल एवं जीव विज्ञान में भी किया जाता है। अतः दोनों विषयों का घनिष्ठ
सम्बन्ध है।
भूगोल एवं सामाजिक विज्ञानों
में सम्बन्ध -
(i) भूगोल एवं
समाजशास्त्र-समाजशास्त्र एक ऐसा विज्ञान है जिसमें मानव के सामाजिक
जीवन के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन किया जाता है। भूगोल विभिन्न प्रदेशों में निवास
करने वाली जनसंख्या के प्राकृतिक एवं सांस्कृतिक पर्यावरण, उनके
सम्बन्धों तथा उनके प्रभावों का विस्तृत अध्ययन करता है। प्राकृतिक पर्यावरण के
आधार पर ही मानव के सामाजिक पर्यावरण का निर्माण होता है। अतएव भूगोल एवं
समाजशास्त्र का घनिष्ठ सम्बन्ध है।
(ii) भूगोल
एवं अर्थशास्त्र-अर्थशास्त्र आर्थिक क्रियाओं के वितरण, विनिमय एवं
उपभोग की व्याख्या करता है। भूगोल में विभिन्न क्षेत्रों के आर्थिक संसाधनों के
वितरण एवं उनके मानव की आर्थिक क्रियाओं पर प्रभावों की व्याख्या की जाती है।
दोनों ही विज्ञान मानव की आर्थिक गतिविधियों की विस्तृत विवेचना करते हैं। अतः
भूगोल एवं अर्थशास्त्र का घनिष्ठ सम्बन्ध है।
(iii) भूगोल
एवं राजनीतिशास्त्र-राजनीतिशास्त्र में राज्यों की उत्पत्ति, विकास,
उनकी प्रशासनिक व्यवस्थाओं आदि का विस्तृत अध्ययन किया जाता है। एक
राजनीतिक इकाई के रूप में राज्यों के संसाधनों, उसकी
जनसंख्या तथा सामाजिक-सांस्कृतिक विशेषताओं का अध्ययन भूगोल में भी किया जाता है।
अतएव भूगोल एवं राजनीतिशास्त्र दोनों घनिष्ठ रूप से सम्बन्धित हैं।
(iv) भूगोल
एवं इतिहास-इतिहास में विभिन्न तत्वों का ऐतिहासिक विवेचन होता
है। इतिहास में पूर्व घटित घटनाओं की व्याख्या उनके ऐतिहासिक सन्दर्भ में की जाती
है। वर्तमान भौगोलिक घटनाएँ ही अतीत में इतिहास बनती हैं। भूगोल में विभिन्न
धरातलीय तत्वों की व्याख्या ऐतिहासिक सन्दर्भ में की जाती है। अतएव इतिहास एवं
भूगोल का घनिष्ठ सम्बन्ध है। संक्षेप में हम कह सकते हैं कि भूगोल एक ऐसा विज्ञान
है जो भौतिक विज्ञान, मानव विज्ञान तथा सामाजिक विज्ञान को परस्पर जोड़ने वाली
एक महत्वपूर्ण श्रृंखला है। जिसका लक्ष्य 'पृथ्वी तल'
पर प्राकृतिक वातावरण और समस्त मानव जाति की पारस्परिक प्रतिक्रिया
को समझना है। इसलिए इसे अन्तरानुशासिक विज्ञान भी कहते हैं।
प्रश्न 2.
भूगोल की प्रमुख शाखाओं का उल्लेख करते हुए उनके विषय में संक्षेप
में बताइए।
उत्तर:
भूगोल एक अन्तरानुशासिक (Indisciplinary) विज्ञान
है, जिसमें अनेक भौतिक एवं सामाजिक विज्ञानों को सम्मिलित
किया जाता है। वर्तमान समय में भौतिक एवं मानव भूगोल तथा उपागम के अध्ययन के आधार
पर क्रमबद्ध एवं प्रादेशिक भूगोल के रूप में इसमें द्वैतवाद (Dualism) भी देखने को मिलता है, किन्तु यह विभाजन केवल सैद्धान्तिक
हो सकता है, व्यावहारिक नहीं। वास्तव में भूगोल का अध्ययन
इनके समाकलिती अध्ययन से ही पूर्ण होता है। भूगोल का शाखाओं एवं उपशाखाओं में
विभाजन निम्न प्रकार से किया गया है
[अ] भौतिक
भूगोल
यह भूगोल की सर्वाधिक
महत्त्वपूर्ण शाखा है। इसमें पृथ्वी की उत्पत्ति, आन्तरिक संरचना, चट्टान, ज्वालामुखी एवं भूकम्प, अपक्षय एवं अपरदन के कारकों, वायुमण्डल, जलमण्डल एवं जैवमण्डल आदि का विस्तृत अध्ययन होता है। भौतिक भूगोल की
प्रमुख उपशाखाओं का संक्षिप्त विश्लेषण निम्न प्रकार है-
1. भू-आकृति
विज्ञान-इसमें स्थलरूपों की उत्पत्ति, विकास, संरचना,
उच्चावचों, अपरदन के कारकों का विस्तृत अध्ययन
किया जाता है।
2. मौसम
एवं जलवायु विज्ञान-इसमें मौसम एवं जलवायु के कारकों, ऋतुओं,
जलवायु प्रदेशों एवं उनकी विशेषताओं का अध्ययन किया जाता है।
3. समुद्र
विज्ञान-इसमें महासागरों, उनके नितल, संरचना
एवं उत्पत्ति, तापमान, लवणता, सामुद्रिक जल की गतियों आदि का अध्ययन किया जाता है।
4. खगोल
विज्ञान-इसमें पृथ्वी के ग्रहीय सम्बन्धों तथा सूर्य एवं चन्द्रमा की सापेक्ष
स्थिति का अध्ययन सम्मिलित है।
5. जैव
भूगोल-इसमें वनस्पति तथा जीवों का भौगोलिक विश्लेषण किया जाता है।
6. मृदा
भूगोल-इसमें मिट्टी की उत्पत्ति, निर्माण प्रक्रिया, विशेषताएँ, वितरण, उत्पादकता
आदि का अध्ययन किया जाता है।
7. पर्यावरण
भूगोल-इसके अन्तर्गत पर्यावरण, पर्यावरणीय कारकों, उनमें परिवर्तन तथा प्रभावों एवं संरक्षण आदि का अध्ययन होता है।
[ब] मानव
भूगोल
मानव भूगोल, भूगोल की
द्वितीय हत्त्वपूर्ण शाखा है। इसमें मानव, उसकी उत्पत्ति,
प्रजातियों, उनके वितरण तथा उनकी क्रियाओं की
विस्तृत विवेचना तथा उनके पर्यावरणीय सम्बन्धों का अध्ययन किया जाता है।
मानव भूगोल की प्रमुख शाखाएँ निम्नलिखित हैं
1. ऐतिहासिक
भूगोल-इसमें प्राचीन देशों का भौगोलिक अध्ययन किया जाता है।
2. आर्थिक
भूगोल-इसमें मानव की आर्थिक क्रियाओं का भौगोलिक वर्णन किया जाता है। कृषि
भूगोल, औद्योगिक भूगोल, संसाधन भूगोल,
वाणिज्य भूगोल, परिवहन भूगोल, पर्यटन भूगोल आदि आर्थिक भूगोल की ही उपशाखाएँ हैं।
3. सामाजिक
भूगोल-इसके अन्तर्गत विभिन्न प्रदेशों में निवास करने वाले मानव वर्गों की सामाजिक
विशेषताओं और उन पर पड़ने वाले भौगोलिक प्रभावों का अध्ययन होता है।
4. सांस्कृतिक
भूगोल-इसमें सांस्कृतिक भू-दृश्यों तथा विभिन्न प्रदेशों के सांस्कृतिक प्रतिरूपों
का भौगोलिक विश्लेषण किया जाता है।
5. राजनीतिक
भूगोल-इसके अन्तर्गत विभिन्न देशों/प्रदेशों की राजनीतिक सीमाओं, परिसीमाओं,
प्रशासनिक व्यवस्थाओं, सीमाक्षेत्रीय विवादों
एवं अन्तर्राष्ट्रीय सम्बन्धों का अध्ययन होता है।
6. जनसंख्या
भूगोल-इसमें जनसंख्या, वितरण, वृद्धि, प्रवास, संरचना, विशेषताओं एवं
जनसंख्या नीतियों की विवेचना सम्मिलित है।
7. अधिवास
भूगोल-इसमें ग्रामीण एवं नगरीय अधिवासों की उत्पत्ति, प्रतिरूप,
प्रकार, कार्यों आदि का अध्ययन होता है।
वास्तव में भूगोल की विभिन्न
शाखाओं का विभाजन सैद्धान्तिक आधार पर उपयुक्त हो सकता है किन्तु किसी भी क्षेत्र
का समग्र अध्ययन विभिन्न शाखाओं के सामूहिक अध्ययन से ही पूर्ण होता है। भूगोल एक
समाकलित विज्ञान है जिसमें विभिन्न विज्ञानों का समाकलित अध्ययन क्रमबद्ध एवं
प्रादेशिक रीतियों से किया जाता है।
प्रश्न 3.
भूगोल को परिभाषित कीजिए तथा भौतिक भूगोल के अध्ययन के महत्त्व की
संक्षिप्त विवेचना कीजिए।
उत्तर:
भूगोल वह विज्ञान है जिसमें 'पृथ्वी-तल'
का अध्ययन तथा वर्णन मानव संसार तथा मानव निवास के रूप में उसकी
सम्पूर्ण विशेषताओं तथा पारस्परिक सम्बन्धों की दृष्टि से किया जाता है। मानव
धरातल पर समान रूप से वितरित नहीं है। मानवीय क्रियायें भी धरातल पर सर्वत्र
विभिन्नता लिए हुए हैं। भूगोल इन सबका विस्तृत विवेचन करता है, इसलिए कहा जाता है कि भूगोल वितरणों का विज्ञान है। यह धरातलीय
विभिन्नताओं का विश्लेषण करता है। भूगोल की प्रमुख
परिभाषाएँ निम्नलिखित हैं
1. हैटनर
के अनुसार,
"भूगोल धरातल के विभिन्न भागों में कारणात्मक रूप से सम्बन्धित
तथ्यों में भिन्नता का अध्ययन करता है।"
2. भौगोलिक
शब्दकोष के अनुसार, "भूगोल पृथ्वी के धरातल और उसके निवासियों का विज्ञान
है।" ।
3. हार्टशोर्न
के अनुसार,
"भूगोल वह विज्ञान है जो पृथ्वी के एक स्थान से दूसरे स्थान तक
परिवर्तनशील स्वरूपों का वर्णन और उनकी व्याख्या 'मानव संसार'
के रूप में करता है।"
भौतिक भूगोल के अध्ययन का
महत्त्व -
रिचर्ड हार्टशोर्न के अनुसार, “भूगोल का
उद्देश्य धरातल की प्रादेशिक/क्षेत्रीय विभिन्नता का वर्णन और व्याख्या करना
है।" भौतिक भूगोल में भूमण्डल, वायुमण्डल, जलमण्डल एवं जैवमण्डल का विस्तृत अध्ययन किया जाता है। मिट्टियों का
निर्माण एक निश्चित प्रक्रिया द्वारा होता है जिसमें जलवायु की महत्त्वपूर्ण
भूमिका होती है। समय के साथ-साथ मिट्टियाँ परिपक्व होती हैं तथा मृदा पाश्विका के
निर्माण में सहायक होती हैं। भू-आकृतियाँ वे आधार हैं जहाँ पर मानवीय क्रियाएँ
सम्पन्न होती हैं। अलग-अलग उच्चावचीय स्वरूपों पर अलग-अलग प्रकार की मानवीय
क्रियाएँ विकसित होती हैं तथा भिन्न-भिन्न प्रकार के सांस्कृतिक भू-दृश्यों का
निर्माण होता है।
पठारी भाग सामान्यतः खनिजों
के भण्डार हैं। पर्वतीय भाग सामान्यतः पर्यटन स्थलों के रूप में विकसित हो रहे
हैं। यहीं नदियों के उद्गम स्थल भी हैं। भूगोल में जलवायु का अध्ययन महत्त्वपूर्ण
है। जलवायु द्वारा मानव अधिवास, उनके रहन-सहन का स्तर, भोजन, वस्त्र एवं उनकी संस्कृति प्रभावित होती है।
वनस्पति, कृषि, पशुपालन, उद्योग आदि भी बहुत कुछ जलवायु कारकों द्वारा प्रभावित होते हैं। समुद्र संसाधनों के अगाध भण्डार गृह रहे हैं। मछलियों एवं अन्य समुद्री
जीवों के अलावा समुद्र स्थल खनिजों के भी भण्डार स्थल माने गये हैं। भारत ने
समुद्री तल से मैंगनीज पिण्ड एकत्रित करने की तकनीकी का विकास कर लिया है। इसके
अलावा समुद्री जीवों से विभिन्न प्रकार के उत्पाद प्राप्त किये जाने लगे हैं।
समुद्र परिवहन में भी अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
मिट्टी एक ऐसा महत्त्वपूर्ण
संसाधन है जो नव्यकरणीय है, जिसमें गुणवृद्धि की जा सकती है और
जिसे अधिक समय तक प्रयोजनीय बनाये रखा जा सकता है, यह कृषि
का आधार है। यह पौधों, पशुओं एवं सूक्ष्म जीवाणुओं का आधार
है। इसका अध्ययन भूगोल में महत्त्वपूर्ण है। संक्षेप में, भौतिक
भूगोल वर्तमान समय में भौतिक संसाधनों के मूल्यांकन एवं प्रबन्धन से सम्बन्धित
विषय के रूप में विकसित हो रहा है। वर्तमान समय में प्राकृतिक संसाधनों के
अधिकाधिक विदोहन से अनेक पर्यावरणीय समस्यायें उत्पन्न हो रही हैं। सतत् विकास के
लिए आवश्यक है कि भौतिक पर्यावरण को भली-भाँति समझा जाय। इस दृष्टि से भौतिक भूगोल
के महत्त्व को सर्वोपरि माना जा सकता है।

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