Class-12 Geography
Chapter- 1 (जनसंख्या: वितरण,
घनत्व, वृद्धि और संघटन)
सुमेलन
सम्बन्धी प्रश्न:
निम्न
में स्तम्भ अको स्तम्भ ब से सुमेलित कीजिए:
प्रश्न
1.
|
स्तम्भ
अ (दशा) |
स्तम्भ
ब (सम्बन्ध) |
|
(i) भारत की पहली जनगणना |
(अ) 1971 |
|
(ii)
भारत का सर्वाधिक घनत्व वाला राज्य |
(ब) केरल |
|
(iii)
सर्वाधिक दशकीय वृद्धि दर वाला दशक |
(स) 39.8% |
|
(iv)
निम्नतम धनात्मक वृद्धि दर वाला राज्य |
(द) बिहार |
|
(v) भारत में श्रमिकों का अनुपात |
(य) 1872 |
उत्तर:
|
स्तम्भ
अ (दशा) |
स्तम्भ
ब (सम्बन्ध) |
|
(i) भारत की पहली जनगणना |
(य) 1872 |
|
(ii)
भारत का सर्वाधिक घनत्व वाला राज्य |
(अ) 1971 |
|
(iii)
सर्वाधिक दशकीय वृद्धि दर वाला दशक |
(द) बिहार |
|
(iv)
निम्नतम धनात्मक वृद्धि दर वाला राज्य |
(स) 39.8% |
|
(v) भारत में श्रमिकों का अनुपात |
(ब) केरल |
रिक्त
स्थान पुर्ति सम्बन्धी प्रश्न:
निम्न
वाक्यों में रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए:
प्रश्न
1. ................
किसी देश के अत्यंत महत्त्वपूर्ण घटक होते हैं।
उत्तर:
लोग
प्रश्न
2. जनसंख्या घनत्व को प्रति इकाई क्षेत्र में ................ की संख्या
द्वारा अभिव्यक्त किया जाता है।
उत्तर:
व्यक्तियों
प्रश्न
3. प्राकृतिक वृद्धि का विश्लेषण .............. जन्म और ................
दरों से निर्धारित किया जाता है।
उत्तर:
अशोधित, मृत्यु
प्रश्न
4. राष्ट्रीय युवा नीति ................ में आरंभ की गई है।
उत्तर:
फरवरी 2014
प्रश्न
5. भारत सरकार ने 2015 में ........... विकास व ............
के लिए नीति बनाई है।
उत्तर:
कौशल, उद्यमिता।
सत्य -
असत्य कथन सम्बन्धी प्रश्न:
निम्न
में से सत्य-असत्य कथनों की पहचान कीजिए:
प्रश्न
1. भारत की पहली सम्पूर्ण जनगणना 1881 ई. में सम्पन्न
हुई थी।
उत्तर:
सत्य
प्रश्न
2. भारत का सबसे कम घनत्व अरुणाचल प्रदेश में मिलता है।
उत्तर:
सत्य
प्रश्न
3. भारत की जनसंख्या की वार्षिक वृद्धि दर 1.7% है।
उत्तर:
असत्य
प्रश्न
4. 1921
के दशक में ऋणात्मक वृद्धि दर्ज की गयी थी।
उत्तर:
सत्य
प्रश्न
5. भारत में कुल श्रमजीवी जनसंख्या 60% है।
उत्तर:
असत्य
अतिलघु
उत्तरीय प्रश्न:
प्रश्न
1. सन् 2011 की जनगणना के अनुसार भारत की कुल जनसंख्या
कितनी थी?
उत्तर:
121करोड़।
प्रश्न
2. जनसंख्या के आकार के संदर्भ में समस्त विश्व में भारत का कौन - सा स्थान
है?
उत्तर:
द्वितीय स्थान।
प्रश्न
3.
भारत में प्रथम सम्पूर्ण जनगणना कब हुई थी?
उत्तर:
सन् 1881 ई. में।
प्रश्न
4. भारत का सर्वाधिक जनसंख्या वाला राज्य कौन - सा है?
उत्तर:
उत्तर प्रदेश।
प्रश्न
5.
भारत में 2011 के अनुसार सबसे कम जनसंख्या
वाला राज्य रहा है?
उत्तर:
सिक्किम।
प्रश्न
6.
भारत में सन् 2011 की जनगणना के अनुसार भारत
के तीन सर्वाधिक जनसंख्या वाले केन्द्र शासित प्रदेश बताइए।
उत्तर:
सन् 2011 में भारत में सर्वाधिक जनसंख्या वाले
तीन केन्द्र शासित प्रदेश निम्नवत् थेदिल्ली, पुडुच्चेरी व
चंडीगढ़।
प्रश्न
7. भारत में विशाल आकार किन्तु लघु जनसंख्या वाले राज्य का नाम लिखिए।
उत्तर:
अरुणाचल प्रदेश भारत में विशाल आकार किन्तु लघु जनसंख्या रखने वाला
राज्य है।
प्रश्न
8. भारत में विशाल आकार किन्तु लघु जनसंख्या वाले केन्द्र शासित प्रदेश का
नाम बताइए।
उत्तर:
अण्डमान - निकोबार द्वीप समूह भारत में विशाल आकार किन्तु लघु जनसंख्या
रखने वाला केन्द्र शासित प्रदेश है।
प्रश्न
9.
भारत के अपेक्षाकृत लघु आकार और विशाल जनसंख्या वाले राज्य का नाम
बताइए।
उत्तर:
बिहार भारत का अपेक्षाकृत लघु आकार तथा विशाल जनसंख्या रखने वाला
राज्य है।
प्रश्न
10.
भारत के अपेक्षाकृत लघु आकार और विशाल जनसंख्या वाले केन्द्र शासित
प्रदेश का नाम बताइए।
उत्तर:
दिल्ली भारत का अपेक्षाकृत लघु आकार और विशाल जनसंख्या रखने वाला
केन्द्र शासित प्रदेश है।
प्रश्न
11. "भारत के तटीय मैदानों में सदैव ही जनसंख्या का सान्द्रण रहा है।" एक
कारण लिखिए।
उत्तर:
समतल भूमि व उपजाऊ मृदा के परिणामस्वरूप कृषि विकास के कारण।
प्रश्न
12.
जनसंख्या घनत्व से क्या आशय है?
उत्तर:
प्रति वर्ग किमी. या प्रति इकाई क्षेत्रफल पर निवासित व्यक्तियों की
संख्या को जनसंख्या घनत्व कहा जाता है।
प्रश्न
13. भारत में सर्वाधिक जनघनत्व रखने वाले चार राज्यों को अवरोही क्रम में
लिखिए।
उत्तर:
1. बिहार
(जनघनत्व - 1102)
2. पश्चिम
बंगाल (जनघनत्व - 1029)
3. केरल
(जनघनत्व 859)
4. उत्तर
प्रदेश (जनघनत्व 829) व्यक्ति प्रति वर्ग किमी.।
प्रश्न
14.
भारत के उच्चतम व न्यूनतम जनघनत्व वाले राज्यों का नाम लिखिए।
उत्तर:
बिहार (1102) उच्चतम व अरुणाचल प्रदेश (17)
न्यूनतम।
प्रश्न
15.
भारत के न्यूनतम जनघनत्व वाले केन्द्र शासित प्रदेश का नाम लिखिए।
उत्तर:
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह।
प्रश्न
16.
जनसंख्या वृद्धि से क्या आशय है?
उत्तर:
दो निश्चित समय अवधियों के बीच किसी क्षेत्र विशेष में रहने वाले
व्यक्तियों की संख्या में होने वाले परिवर्तन को जनसंख्या वृद्धि कहा जाता है।
प्रश्न
17.
जनसंख्या वृद्धि के दो घटक कौन - कौन से हैं?
उत्तर:
1. प्राकृतिक
जनसंख्या वृद्धि
2. अभिप्रेरित
जनसंख्या वृद्धि।
प्रश्न
18.
जनसंख्या के दुगुना होने के समय से क्या आशय है.?
उत्तर:
जनसंख्या के दुगुना होने का समय वर्तमान वार्षिक वृद्धि दर पर किसी
भी जनसंख्या के दुगुना होने में लगने वाला समय है।
प्रश्न
19.
भारत में जनसंख्या की वार्षिक वृद्धि दर क्या है?
उत्तर:
भारत में जनसंख्या की वार्षिक वृद्धि - दर 1.64 (2011) प्रतिशत है।
प्रश्न
20.
भारत में निम्न जनसंख्या वृद्धि दर वाले राज्यों के नाम लिखिए।
उत्तर:
भारत में केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, आन्ध्र प्रदेश, ओडिशा,
गोआ, त्रिपुरा, हिमाचल
प्रदेश तथा पंजाब नामक राज्यों में निम्न जनसंख्या वृद्धि दर मिलती है।
प्रश्न
21.
यदि भारत में महिला साक्षरता शत प्रतिशत हो जाये तो जनसंख्या वृद्धि
दर पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
उत्तर:
जनसंख्या वृद्धि दर अत्यधिक कम हो जायेगी।
प्रश्न
22.
भारत ने युवा नीति कब आरंभ की?
उत्तर:
सन् 2014 में।
प्रश्न
23.
जनसंख्या संघटन से क्या आशय है?
उत्तर:
जनसंख्या की प्रजातिगत, सामाजिक एवं आर्थिक
विशेषताओं को जनसंख्या संघटन कहते हैं।
प्रश्न
24.
भारत की कुल जनसंख्या में नगरीय जनसंख्या का प्रतिशत सन् 2011
में क्या रहा ?
उत्तर:
सन् 2011 की भारत की जनगणना के अनुसार भारत की
कुल जनसंख्या में नगरीय जनसंख्या का प्रतिशत 31.16 रहा।
प्रश्न
25. भारत के तीन अग्रणी राज्यों के नाम लिखिए जिनकी कुल जनसंख्या में नगरीय
जनसंख्या का प्रतिशत सर्वाधिक है।
उत्तर:
गोवा (62.17), मिजोरम (51.51), तमिलनाडु (48 - 45), केरल (47.72), महाराष्ट्र (45.23) गुजरात (42.58) प्रमुख हैं।
प्रश्न
26.
भारत की कितनी भाषाएँ अनुसूचित हैं तथा उनमें कौन - सी भाषा
सर्वाधिक बोली जाती है?
उत्तर:
भारत में कुल 22 भाषाएँ अनुसूचित हैं जिनमें
हिन्दी बोलने वालों का प्रतिशत सर्वाधिक है।
प्रश्न
27.
भारतीय भाषाओं के परिवारों के नाम लिखिए।
उत्तर:
1. आस्ट्रिक,
2. द्रविड़,
3. चीनी -
तिब्बती,
4. भारतीय
- यूरोपीय।
प्रश्न
28.
ईसाई जनसंख्या का संकेन्द्रण भारत के किन क्षेत्रों में प्रमुख रूप
से मिलता है?
उत्तर:
ईसाई जनसंख्या का मुख्य संकेन्द्रण पश्चिमी तट के साथ गोआ व केरल
राज्यों के अलावा मेघालय, मिजोरम व नागालैण्ड के पहाड़ी
क्षेत्रों, छोटा नागपुर क्षेत्र तथा मणिपुर पहाड़ियों पर
मिलता है।
प्रश्न
29.
आर्थिक स्तर की दृष्टि से भारत की जनसंख्या को कितने वर्गों में
बाँटा जा सकता है?
उत्तर:
1. मुख्य
श्रमिक
2. सीमांत
श्रमिक
3. अश्रमिक।
प्रश्न
30.
किसी श्रमिक को मुख्य श्रमिक कहलाने हेतु वर्ष में कितने दिन काम
करना चाहिए?
उत्तर:
183 दिन।
प्रश्न
31.
सीमान्त श्रमिक से क्या आशय है?
उत्तर:
सीमान्त श्रमिक वह व्यक्ति है जो एक वर्ष में 183 दिनों से कम दिन कार्य करता है।
प्रश्न
32.
भारत के किन केन्द्र शासित प्रदेशों में श्रम की सहभागिता दर ऊँची
है?
उत्तर:
दमन व दीव में श्रम की सहभागिता दर (49.9) ऊँची
है।
प्रश्न
33.
सन् 2011 की जनगणना के अनुसार भारत में
श्रमजीवी जनसंख्या का वर्गीकरण कीजिए।
उत्तर:
सन् 2011 की जनगणना में भारत की श्रमजीवी
जनसंख्या को चार प्रमुख संवर्गों में बाँटा गया
1. कृषक
2. कृषि
मजदूर
3. घरेलू
औद्योगिक श्रमिक
4. अन्य
श्रमिक।
प्रश्न
34.
भारत की जनसंख्या का व्यावसायिक संघटन क्या दर्शाता है?
उत्तर:
भारत की जनसंख्या का व्यावसायिक संघटन द्वितीयक एवं तृतीयक सेक्टरों
की तुलना में प्राथमिक सेक्टर के श्रमिकों के एक बड़े अनुपात को दर्शाता है।
लघु
उत्तरीय प्रश्न (SA1):
प्रश्न
1.
भारत में जनसंख्या वितरण को प्रभावित करने वाले किन्हीं दो कारकों
की विवेचना कीजिए।
अथवा
भारत में जनसंख्या वितरण को प्रभावित करने वाले दो भौतिक कारकों
का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
(1) जलवायु: भारत में जनसंख्या के
वितरण को प्रभावित करने वाले कारकों में जलवायु सर्वाधिक प्रभावशाली कारक है।
अनुकूल जलवायु वाले क्षेत्र जहाँ जनसंख्या का उच्च वितरण दर्शाते हैं वहीं कठोर
जलवायु वाले क्षेत्रों जैसे राजस्थान के थार मरुस्थल तथा हिमाचल के उच्च पर्वतीय
भाग जनसंख्या का विरल वितरण दर्शाते हैं।
(2) धरातलीय स्वरूप: भारत के मैदानी
भागों में कृषि योग्य भूमि. की पर्याप्त उपलब्धता, परिवहन
मार्गों का समुचित विकास तथा जलीय संसाधनों की पर्याप्त उपलब्धता के कारण जनसंख्या
का विशाल जमाव मिलता है। दूसरी ओर भारत के प्रायद्वीपीय पठारी भाग तथा उत्तर के
पर्वतीय भाग अपेक्षाकृत विरल जनसंख्या रखते हैं।
प्रश्न
2. "भारत में जनसंख्या घनत्व की स्थानिक भिन्नता देखने को मिलती है।" कथन
को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
भारत में जनसंख्या घनत्व की स्थानिक भिन्नता देखने को मिलती है।
उदाहरणस्वरूप अरुणाचल प्रदेश में सबसे कम 17 व्यक्ति प्रति
वर्ग किमी. से लेकर दिल्ली के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में 11297 व्यक्ति प्रतिवर्ग किमी. जन घनत्व देखने को मिलता है। उत्तरी भारत के
राज्यों पश्चिमी बंगाल (1029), बिहार (1102) एवं उत्तर प्रदेश (829) में जनसंख्या घनत्व उच्चतर
है साथ ही प्रायद्वीपीय भारत के राज्यों केरल (859) तथा
तमिलनाडु (555) में उच्चतर घनत्व पाया जाता है। असम, गुजरात, आन्ध्र प्रदेश, हरियाणा,
झारखंड व ओडिशा में मध्यम घनत्व पाया जाता है। हिमाचल प्रदेश के
पर्वतीय राज्यों व असम को छोड़कर भारत के उत्तरी-पूर्वी राज्यों में अपेक्षाकृत
निम्न जन घनत्व है। जबकि अंडमान और निकोबार द्वीप समूह को छोड़कर शेष
केन्द्र-शासित प्रदेशों में जनसंख्या के उच्च जन घनत्व पाये जाते हैं।
प्रश्न
3. जनसंख्या वृद्धि के दो घटकों को स्पष्ट करते हुए भारत में जनसंख्या की
दशकीय वृद्धि तथा वार्षिक दर को लिखिए।
उत्तर:
जनसंख्या वृद्धि के निम्नलिखित दो घटक होते हैं:
1. प्राकृतिक
वृद्धि: जनसंख्या की प्राकृतिक वृद्धि दर को अशोधित जन्म - दर तथा मृत्यु - दर के
शुद्ध अन्तर के आधार पर ज्ञात किया जाता है।
2. अभिप्रेरित
वृद्धि: जनसंख्या की अभिप्रेरित वृद्धि एक विशिष्ट क्षेत्र के लोगों के
अन्तर्वर्ती और बहिर्वर्ती संचलन की कुल मात्रा द्वारा ज्ञात की जाती है।
भारत में जनसंख्या की वृद्धि दर: भारत
में जनसंख्या की वार्षिक तथा दशकीय दोनों ही वृद्धि दर बहुत उच्च हैं। भारत में
जनसंख्या की वार्षिक वृद्धि दर 1.64 प्रतिशत है जबकि सन् 2001-2011
के दशक में भारत में जनसंख्या की दशकीय वृद्धि दर 17.64 प्रतिशत रही।
प्रश्न
4.
1901 से 1921 की अवधि को भारत की जनसंख्या की
वृद्धि की रुद्ध अथवा स्थिर प्रावस्था क्यों का जाता है?
उत्तर:
1901 से 1921 की अवधि को भारत की जनसंख्या की
रुद्ध अथवा स्थिर प्रावस्था कहलाती है क्योंकि इस अवधि के दौरान जनसंख्या वृद्धि
अत्यधिक निम्न थी। 1901 से 1921 की
अवधि के दौरान जनसंख्या में ऋणात्मक वृद्धि दर्ज की गई। जन्म व मृत्यु दर दोनों
ऊँची थीं जिससे वृद्धि दर निम्न बनी रही। निम्न चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएँ,
निरक्षरता, भोजन एवं अन्य आधारभूत आवश्यकताओं
का अपर्याप्त वितरण इस अवधि के दौरान उच्च मृत्यु दरों के लिए मुख्य रूप से
उत्तरदायी था।
प्रश्न
5.
भारत में 1911 - 1921 की अवधि में जनसंख्या की
ऋणात्मक वृद्धि दर के लिए कोई दो कारण बताइए।
उत्तर:
1. अकाल
एवं महामारी का फैलना
2. चिकित्सा
एवं स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी,
3. निरक्षरता
एवं अंध विश्वास
4. भोजन
की कमी आदि।
प्रश्न
6. 1921
से 1951 के मध्य की समयावधि को जनसंख्या की
स्थिर वृद्धि के रूप में जाना जाता है, क्यों?
उत्तर:
1921 से 1951 की अवधि के दौरान जनसंख्या की
वृद्धि दर स्थिर बनी रही। सम्पूर्ण देश में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं के
विस्तार के साथ - साथ स्वच्छता के व्यापक सुधारों ने मृत्यु दर को बहुत कम कर दिया
था। इसके अतिरिक्त बेहतर परिवहन एवं संचार तंत्र से वितरण प्रणाली में सुधार हुआ
फलस्वरूप अशोधित जन्म दर ऊँची बनी रही जिससे पिछले दशकों (1901 - 1921) की तुलना में वृद्धि दर उच्चतर हुई।
प्रश्न
7.
1951 - 81 के दशकों को भारत में जनसंख्या विस्फोट की अवधि के रूप
में जाना जाता है।" कथन को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
1951 - 81 के दशकों को भारत में जनसंख्या विस्फोट की अवधि के रूप
में जाना जाता है। देश में जनसंख्या विस्फोट की यह स्थिति मृत्यु दरों में तीव्र
ह्रास व उच्च जन्म दर के कारण उत्पन्न हुई। इस दौरान जनसंख्या की औसत वार्षिक
वृद्धि दर 2.2 प्रतिशत तक ऊँची बनी रही। स्वतंत्रता प्राप्ति
के पश्चात् केन्द्रीयकृत नियोजन प्रक्रिया से अर्थव्यवस्था में सुधार हुआ फलस्वरूप
अधिकांश लोगों के जीवन स्तर में भी सुधार हुआ। इन सब कारणों ने जनसंख्या की
प्राकृतिक वृद्धि को उच्च बनाये रखा। इसके अतिरिक्त नेपाल, तिब्बत,
बांग्लादेश व पाकिस्तान से आने वाले लोगों ने भी जनसंख्या की उच्च
वृद्धि दर को बढ़ाने में सक्रिय योगदान दिया।
प्रश्न
8.
1951 - 1981 के दशकों को भारत में जनसंख्या विस्फोट की अवधि के रूप
में जाना जाता है।" कोई तीन कारण बताइए?
उत्तर:
जनसंख्या विस्फोट के प्रमुख कारण निम्नानुसार हैं:
1. जन्म
दर का उच्च रहना जबकि मृत्यु दर का कम होना।
2. इस
समयावधि में आप्रवास का अधिक होना।
3. चिकित्सा
का स्तर ऊँचा होना एवं अर्थव्यवस्था का विकास।
प्रश्न
9.
भारत की युवा नीति का प्रमुख उद्देश्य क्या है?
उत्तर:
सन् 2014 में आरंभ की गई भारत सरकार की युवा
नीति का मुख्य उद्देश्य युवा तथा किशोर जनसंख्या का समग्र विकास करना था। साथ ही
निर्णय लेने में युवाओं की प्रभावी भागीदारी और एक सुयोग्य नेतृत्व के
उत्तरदायित्व की भावना को सशक्त बनाना था। इसके अतिरिक्त इस नीति में महिलाओं और
लड़कियों के सशक्तीकरण पर विशेष बल दिया गया ताकि पुरुषों एवं महिलाओं की स्थिति
में समानता स्थापित की जा सके।
प्रश्न
10.
कौशल विकास व उद्यमिता नीति का क्या उद्देश्य है?
उत्तर:
भारत सरकार द्वारा 2015 में बनायी गयी कौशल
विकास व उद्यमिता नीति का मुख्य उद्देश्य देश भर में हो रही कौशल से सम्बन्धित
गतिविधियों के लिए एक रूपरेखा प्रदान करना है। साथ - साथ ही सभी गतिविधियों को एक
मानक के साथ बाँधना व विभिन्न कौशलों को इनके भाग केन्द्रों के साथ जोड़ना है।
प्रश्न
11.
जनसंख्या संघटन से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
जनसंख्या संघटन, जनसंख्या भूगोल के अन्तर्गत
जनसंख्या अध्ययन का एक सुस्पष्ट क्षेत्र है जिसके अन्तर्गत आयु व लिंग का विश्लेषण,
निवास का स्थान, मानव प्रजातीय लक्षण, जनजातियाँ, भाषा, धर्म,
वैवाहिक स्थिति, शिक्षा एवं व्यावसायिक
विशेषताओं आदि का अध्ययन किया जाता है। इस प्रकार जनसंख्या की प्रजातीय, सामाजिक एवं आर्थिक विशेषताओं को जनसंख्या संघटन के नाम से जाना जाता है।
प्रश्न
12.
भारत के किन - किन क्षेत्रों में नगरीकरण का स्तर निम्न पाया जाता
है?
उत्तर:
भारत में कृषि की दृष्टि से प्रगतिरुद्ध मध्य और निम्न गंगा के
मैदानी क्षेत्रों, तेलंगाना, राजस्थान
के मरुस्थलीय प्रदेश, उत्तर-पूर्व के दूरदराज के पहाड़ी एवं
जनजातीय क्षेत्रों, प्रायद्वीपीय भारत के बाढ़ प्रभावित
क्षेत्रों एवं मध्य प्रदेश के पूर्वी क्षेत्रों में कृषि एवं उससे सम्बन्धित
कार्यों में लगी ग्रामीण जनसंख्या की अधिकता के कारण नगरीकरण का निम्न स्तर पाया
जाता है।
प्रश्न
13.
भारत के भाषायी संगठन को स्पष्ट कीजिए।
अथवा
भारत भाषाई विविधता की भूमि है? स्पष्ट
कीजिए।
उत्तर:
भाषा समाज को एकता के सूत्र में बाँधने वाली बहुत बड़ी शक्ति है।
भारत में अत्यधिक भाषायी विविधता देखने को मिलती है। 1903 से
1928 ई. के मध्य गियर्सन के नेतृत्व में किए गए भाषायी
सर्वेक्षण में देश में 179 भाषाएँ एवं लगभग 544 बोलियाँ मानी गयीं। वर्तमान में 22 भाषाएँ अनुसूचित
तथा अनेक भाषाएँ गैर अनुसूचित हैं। अनुसूचित भाषाओं में हिन्दी बोलने वाले लोगों
का प्रतिशत सर्वाधिक है। लघुतम भाषा वर्ग संस्कृत, बोडो तथा
मणिपुरी लोगों का है जिसमें प्रत्येक का 0.01 प्रतिशत है।
भारत में भाषायी प्रदेशों की सीमाएँ सुनिश्चित एवं स्पष्टता लिए हुए नहीं हैं।
बल्कि अपने-अपने सीमान्त प्रदेशों में उनका क्रमिक विलय व अध्यारोपण हो जाता है।
प्रश्न
14.
भारतीय - यूरोपीय भाषा परिवार के बारे में संक्षेप में बताइए।
उत्तर:
भारतीय - यूरोपीय भाषा परिवार को आर्य भाषा परिवार भी कहा जाता है।
भारत की लगभग 73 प्रतिशत जनसंख्या आर्य भाषा परिवार की
भाषाएँ बोलती है। इस भाषा परिवार को तीन भागों में बाँटा गया है। इरानी (फारसी),
दरदी एवं भारतीय आर्य वर्ग। इरानी वर्ग की भाषाएँ भारत से बाहर बोली
जाती हैं। भारतीय आर्य वर्ग की भाषाएँ पंजाब, राजस्थान,
हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, हरियाणा, मध्यप्रदेश,
बिहार, गुजरात, ओडिशा,
पश्चिमी बंगाल, असम व महाराष्ट्र आदि राज्यों
में बोली जाती हैं। जबकि दरदी वर्ग की भाषा जम्मू और कश्मीर में बोली जाती है।
प्रश्न
15.
मुख्य श्रमिक, सीमान्त श्रमिक एवं अश्रमिक में
अंतर स्पष्ट कीजिए।
अथवा
आर्थिक स्तर की दृष्टि से भारत की जनसंख्या को कितने वर्गों में
बाँटा जा सकता है? संक्षेप में बताइए।
उत्तर:
1. मुख्य
श्रमिक: मुख्य श्रमिक वह व्यक्ति कहलाता है जो एक वर्ष में कम से कम 183 दिन तक
आर्थिक दृष्टि से लाभकारी कार्य में लगा रहता है।
2. सीमान्त
श्रमिक: सीमान्त श्रमिक वह व्यक्ति कहलाता है जो एक वर्ष में 183 दिनों से
कम दिन कार्य करता है।
3. अश्रमिक:
अश्रमिक वह व्यक्ति होता है जो वर्ष भर अपनी आजीविका के लिए कोई कार्य नहीं करता
है। अपने भरण - पोषण के लिए दूसरों पर निर्भर रहता है। इसे आश्रित जनसंख्या भी कह
सकते हैं।
प्रश्न
16. “कृषि सेक्टर में भारतीय श्रमिकों का सर्वाधिक अंश संलग्न है।" स्पष्ट
कीजिए।
उत्तर:
भारत की जनसंख्या का व्यावसायिक संघटन यह प्रदर्शित करता है कि सन् 2011
में भारत में कार्यरत कुल श्रमिकों की संख्या का 54.6 प्रतिशत भाग कृषि कार्य में संलग्न रहा है जो अन्य व्यावसायिक संवर्ग
(घरेलू उद्योग तथा अन्य श्रमिक) की तुलना में अधिक है। इसका मुख्य कारण यह है कि
भारत एक कृषि प्रधान देश है। यहाँ की श्रमिक जनसंख्या का एक बड़ा भाग अपनी आजीविका
के लिए कृषि क्षेत्र पर निर्भर है।
प्रश्न
17.
पिछले दशक में कृषि कार्य में श्रमिकों के अनुपात में आए उतार -
चढ़ाव की संक्षेप में विवेचना कीजिए।
उत्तर:
सन् 2001 में भारत की कुल श्रमशक्ति में कृषि
कार्य में कार्यरत श्रमिकों का प्रतिशत 58.2 था, जो सन् 2011 में घटकर 54.6 प्रतिशत
रह गया। स्पष्ट है कि पिछले दशक के दौरान जहाँ प्राथमिक सेक्टर में श्रमिकों की
सहभागिता दर घटी है, वहीं दूसरी ओर द्वितीयक तथा तृतीयक
सेक्टरों में सहभागिता दर में बढ़ोत्तरी अनुभव की जा रही है। यह प्रवृत्ति यह
दर्शाती है कि भारतीय श्रमिकों की कृषि आधारित रोजगारों पर निर्भरता कम हो रही है
जबकि गैर-कृषि रोजगारों पर निर्भरता बढ़ रही है।
प्रश्न
18. भारत में श्रम के विभिन्न कार्यों में श्रम सहभागिता दर की स्थानिक भिन्नताएँ
देखने को मिलती हैं? उदाहरण सहित कथन को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
भारत में श्रम के विभिन्न कार्यों में श्रम सहभागिता दर की स्थानिक
भिन्नताएँ पायी जाती हैं। उदाहरण के रूप में हिमाचल प्रदेश और नागालैंड जैसे
राज्यों में कृषकों की संख्या बहुत अधिक है। वहीं आन्ध्रप्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा,
मध्यप्रदेश एवं प. बंगाल जैसे राज्यों में कृषि मजदूरों की संख्या
अधिक है। दिल्ली, चंडीगढ़ व पुडुच्चेरी जैसे अत्यधिक नगरीकृत
क्षेत्रों में श्रमिकों का एक बड़ा अनुपात अन्य सेवाओं में कार्यरत है! यह न केवल
सीमित कृषि भूमि की उपलब्धता को बल्कि वृहत् स्तर पर होने वाले नगरीकरण और
औद्योगीकरण द्वारा गैर-कृषि सेक्टरों में और अधिक श्रमिकों की आवश्यकता को भी
दर्शाता है।
लघु
उत्तरीय प्रश्न (SA2):
प्रश्न
1. कायिक तथा कृषीय घनत्व को परिभाषित करते हुए उनकी उपयोगिता बताइए।
उत्तर:
कुल कृषि योग्य भूमि पर जनसंख्या के दबाव के संदर्भ में मानव - भूमि
अनुपात के बेहतर ज्ञान के लिये कायिक तथा कृषीय घनत्वों को ज्ञात किया जाता है जो
भारत जैसे विशाल जनसंख्या वाले कृषि प्रधान देश के लिए सार्थक है।
कायिक घनत्व: कायिक घनत्व किसी क्षेत्र की जनसंख्या तथा उस क्षेत्र
की कृषि योग्य भूमि के अनुपात को प्रदर्शित करता है।
![]()
कृषीय घनत्व: किसी प्रदेश का कृषि
घनत्व उस प्रदेश की कुल कृषक जनसंख्या तथा कुल कृषि योग्य भूमि के अनुपात का
द्योतक होता है। कृषक जनसंख्या में कृषक, कृषि मजदूर तथा
उसके परिवार के सदस्य सम्मिलित होते हैं।
![]()
प्रश्न
2.
भारत में जनसंख्या वृद्धि की प्रवृत्तियों का संक्षेप में वर्णन
कीजिए।
उत्तर:
सन् 1901 से 1921 के 20
वर्षों में भारत की जनसंख्या में केवल 1.27 करोड़
व्यक्तियों की वृद्धि हुई तथा उक्त अवधि को भारत में स्थिर जनसंख्या का काल माना जाता
है। सन् 1921 से 1951 के 30 वर्षों में भारत की जनसंख्या 25.13 करोड़ से बढ़कर 36.10
करोड़ हो गयी अर्थात् उक्त अवधि में देश की जनसंख्या में लगभग 11
करोड़ व्यक्तियों की वृद्धि हुई। उक्त अवधि को भारत में सतत
जनसंख्या वृद्धि का काल कहा जाता है। सन् 1951 से 1981
तक के दशकों में भारतीय जनसंख्या 36.10 करोड़
से बढ़कर 68.33 करोड़ हो गयी। इन 30 वर्षों
में जनसंख्या की अप्रत्याशित वृद्धि को भारत का 'जनसंख्या
विस्फोट काल' कहते हैं। सन् 1981 से 2011
तक जनसंख्या 68.33 करोड़ से 121 करोड़ हो गयी किन्तु इन दशकों में दशकीय वृद्धि दर निरन्तर कम हुई जो भारत
की जनसंख्या के सन्दर्भ में एक शुभ संकेत था।
प्रश्न
3.
भारत में किशोर जनसंख्या की प्रमुख चुनौतियाँ क्या हैं? इस संदर्भ में भारत सरकार द्वारा किये गये प्रयासों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
सन् 2011 की जनगणना के अनुसार भारत की कुल
जनसंख्या में किशोरों का प्रतिशत 20.9 रहा। किशोर जनसंख्या
के इस भाग को यदि समुचित मार्गदर्शन दिया जाये तो यह उच्च सम्भावनाओं से युक्त
होकर भारत के विकास में सहायक सिद्ध हो सकती है।
भारतीय समाज में इस किशोर जनसंख्या को अनेक चुनौतियों का सामना करना
पड़ रहा है जिनमें निम्नलिखित चुनौतियाँ प्रमुख हैं:
1. विवाह
की कम आयु
2. निरक्षरता
विशेष रूप से महिलाओं के सन्दर्भ में तथा विद्यालय विरत छात्र
3. कुपोषित
तथा किशोर माताओं की उच्च मातृ मृत्यु - दर
4. एच.
आई. वी./ एड्स के संक्रमण की उच्च दरें
5. शारीरिक
और मानसिक अपंगता अथवा मंदता
6. औषधि
दुरुपयोग और मदिरा सेवन
7. किशोर
अपचार तथा अपराध। इन तथ्यों को दृष्टिगत रखते हुए भारत सरकार द्वारा उनको समुचित
मार्गदर्शन प्रदान करने के उद्देश्य से कुछ ठोस प्रयास किये जा रहे हैं।
जिसके
लिए सन् 2014 से भारत सरकार द्वारा प्रारंभ की गयी युवा नीति किशोर जनसंख्या के
चहुँमुखी विकास को बल प्रदान कर रही है। महिला सशक्तीकरण को विशेष बल प्रदान कर
सामाजिक समरसता स्थापित करने का प्रयास भी इसी नीति का एक अंग है।
प्रश्न
4. भारतीय जनसंख्या के ग्रामीण - नगरीय संघटन की विवेचना कीजिए।
उत्तर:
ग्रामीण - नगरीय संघटन: सन् 2011
में भारत की कुल जनसंख्या में ग्रामीण जनसंख्या का प्रतिशत 68.8
था जबकि शेष 31.2 प्रतिशत भाग नगरीय क्षेत्रों
में निवासित रहा। हिमाचल प्रदेश, बिहार, ओडिशा तथा असम राज्यों की कुल जनसंख्या में ग्रामीण जनसंख्या का प्रतिशत 80
से अधिक मिलता है। सन् 2011 में छत्तीसगढ़,
उत्तर प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, झारखण्ड, राजस्थान, जम्मू -
कश्मीर, उत्तराखण्ड, मध्य प्रदेश,
मणिपुर, आन्ध्र प्रदेश, पश्चिम
बंगाल, हरियाणा, पंजाब, अण्डमान - निकोबार द्वीप समूह, कर्नाटक नामक राज्यों
व केन्द्र शासित प्रदेशों की कुल जनसंख्या में ग्रामीण जनसंख्या का प्रतिशत 60
से 80 प्रतिशत के मध्य रहा।
महाराष्ट्र, तमिलनाडु, लक्षद्वीप,
मिजोरम, गोवा, पाण्डिचेरी,
चण्डीगढ़, गुजरात, केरल,
दमन व दीव तथा दिल्ली नामक राज्यों । केन्द्र शासित प्रदेशों की कुल
जनसंख्या में ग्रामीण जनसंख्या का प्रतिशत 60 से कम रहा।
दूसरी ओर दादरा-नगर हवेली (नगरीय जनसंख्या 46.62 प्रतिशत)
नामक केन्द्र शासित प्रदेश को छोड़कर शेष सभी केन्द्र शासित प्रदेशों में नगरीय जनसंख्या
का प्रतिशत उच्च मिलता है। भारत के उच्च नगरीकृत
राज्यों में गोवा (62.17 प्रतिशत नगरीय जनसंख्या), मिजोरम (51.51 प्रतिशत), तमिलनाडु
(48.45 प्रतिशत) तथा महाराष्ट्र (45.23 प्रतिशत) सम्मिलित हैं जबकि ओडिशा, असम, बिहार, तथा हिमाचल प्रदेश राज्यों की कुल जनसंख्या
में नगरीय जनसंख्या का प्रतिशत 20 से कम मिलता है।
उत्तर भारत के मैदानी भागों तथा मुख्य सड़क मार्गों तथा रेलमार्गों
से सटे नगरीय क्षेत्रों जैसे - कोलकाता, मुम्बई, बंगलौर (बैंगलुरु) - मैसूर, मदुरै - कोयम्बटूर,
अहमदाबाद-सूरत, दिल्ली, कानपुर
तथा लुधियाना - जालन्धर में वृहद् स्तर पर होने वाले ग्रामीण - नगरीय प्रवास के
कारण नगरीय जनसंख्या का भारी जमाव देखने को मिलता है। दूसरी ओर मध्य व निम्न गंगा
के मैदानी भाग, तेलंगाना, पश्चिमी
राजस्थान, उत्तर - पूर्व के दूर-दराज के पहाड़ी व पर्वतीय
क्षेत्र, पूर्वी मध्य प्रदेश तथा प्रायद्वीपीय भारत के बाढ़
प्रभावित क्षेत्रों में नगरीकरण का स्तर अति निम्न मिलता है।
प्रश्न 5. भारतीय जनसंख्या के धार्मिक संघटन
एवं स्थानिक वितरण को बताइए।
उत्तर:
धार्मिक संघटन: सन् 2011 की जनगणना के अनुसार भारत की कुल जनसंख्या (121 करोड़)
में हिन्दुओं का प्रतिशत 79.8, मुस्लिमों का प्रतिशत 14
- 2, ईसाइयों का प्रतिशत 2.3, सिक्खों का
प्रतिशत 1.7, बौद्धों का प्रतिशत 0.7 तथा
जैनों का प्रतिशत 0 - 4 था। भारत - बांग्लादेश सीमा तथा भारत
- पाकिस्तान सीमा से जुड़े जिलों, जम्मू - कश्मीर, उत्तरी -पूर्वी पर्वतीय राज्यों और दक्कन पठार व गंगा के मैदान के
प्रकीर्ण क्षेत्रों को छोड़कर देश के शेष अधिकांश भागों में हिन्दू बाहुल्य
जनसंख्या निवासित मिलती है।
मुस्लिम जनसंख्या जम्मू - कश्मीर, पश्चिम
बंगाल, केरल के कुछ जनपदों, उत्तर
प्रदेश के अनेक जनपदों तथा लक्षद्वीप में प्रमुखता से निवासित मिलती है। ईसाई
जनसंख्या के प्रमुख जमाव पश्चिमी तट के साथ - साथ गोआ व केरल राज्यों के अलावा
मिजोरम, मणिपुर व नागालैण्ड के पहाड़ी क्षेत्रों तथा छोटा
नागपुर पठार पर देखने को मिलते हैं। सिक्ख जनसंख्या पंजाब तथा हरियाणा व दिल्ली
राज्यों व केन्द्र शासित प्रदेशों में प्रमुख रूप से निवासित मिलती है। जैन
धार्मिक समुदाय का प्रमुख संकेन्द्रण राजस्थान के नगरीय क्षेत्रों, गुजरात तथा महाराष्ट्र में मिलता है जबकि बौद्ध जनसंख्या का प्रमुख रूप से
महाराष्ट्र राज्य में संकेन्द्रण है।
निबन्धात्मक
प्रश्न:
प्रश्न
1.
भारत में जनसंख्या वितरण को प्रभावित करने वाले महत्वपूर्ण कारकों
की विवेचना कीजिए।
उत्तर:
भारत में जनसंख्या वितरण को प्रभावित करने वाले निम्नलिखित कारक
महत्त्वपूर्ण हैं:
1. जलवायु: भारत में जनसंख्या के वितरण
को प्रभावित करने वाले कारकों में जलवायु सर्वाधिक प्रभावशाली कारक है। अनुकूल
जलवायु वाले क्षेत्र जनसंख्या का उच्च वितरण रखते हैं वहीं प्रतिकूल जलवायु वाले
क्षेत्रों जैसे राजस्थान में थार मरुस्थल तथा हिमालय के उच्च पर्वतीय भाग जनसंख्या
का विरल वितरण रखते हैं।
2. धरातलीय स्वरूप: भारत के नदी
निर्मित मैदानी क्षेत्रों में सदैव से जनसंख्या का विशाल जमाव रहा है। इसका प्रमुख
कारण इन मैदानी भागों में कृषि योग्य भूमि की पर्याप्त उपलब्धता, परिवहन मार्गों का समुचित विकास तथा जलीय संसाधनों की पर्याप्त उपलब्धता
है। दूसरी ओर भारत के प्रायद्वीपीय पठारी भाग तथा उत्तर के पर्वतीय भाग अपेक्षाकृत
विरल जनसंख्या रखते हैं।
3. नगरीकरण: पिछले पाँच दशकों में
वृहद् स्तर पर भारत के ग्रामीण क्षेत्रों से नगरीय क्षेत्रों की ओर प्रवास हुआ है
जिसके कारण भारत के नगरीय क्षेत्रों में जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है। दिल्ली,
मुम्बई, कोलकाता, बैंगलुरु,
पुणे, अहमदाबाद, चेन्नई
तथा जयपुर जैसे महानगर औद्योगिक विकास तथा नगरीकरण के कारण बड़ी संख्या में
ग्रामीण-नगरीय प्रवासियों को आकर्षित कर रहे हैं।
4. कृषि - योग्य भूमि की उपलब्धता:
कृषि योग्य भूमि की उपलब्धता भारत में जनसंख्या वितरण को प्रभावित करने वाला एक
महत्त्वपूर्ण कारक है। भारत में जलोढ़ मिट्टी तथा काली मिट्टी वाले उपजाऊ भागों
में जनसंख्या सघन रूप में बसी है जबकि कृषि की दृष्टि से अनुपजाऊ मिट्टी, पर्वतीय मिट्टी तथा लेटेराइट मिट्टी वाले भूभाग अपेक्षाकृत विरल रूप से
बसे हैं। कृषि की दृष्टि से भारत का विस्तृत मैदानी भाग उपजाऊ है।
5. अन्य कारक: परिवहन तन्त्र का विकास,
(प्रायद्वीपीय भारत के राज्यों में) औद्योगिकीकरण, जल की उपलब्धता, कृषि विकास, सिंचाई
का विकास (राजस्थान राज्य में) तथा खनिज एवं ऊर्जा संसाधनों की उपलब्धता (झारखण्ड
राज्य में) भारत में जनसंख्या वितरण को प्रभावित करने वाले अन्य कारक हैं।
प्रश्न
2. जनसंख्या घनत्व की भिन्नता के
आधार पर भारत के राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों को किन - किन - वर्गों में
रखा जा सकता है? विस्तार से बताइए।
उत्तर:
सन् 2011 की जनगणना के अनुसार भारत की कुल
जनसंख्या 121 करोड़ थी तथा औसतन जनसंख्या घनत्व 382 व्यक्ति प्रति किमी. था। जनसंख्या घनत्व की विभिन्नता के आधार पर भारत के
राज्यों तथा केन्द्र शासित प्रदेशों को निम्नलिखित श्रेणियों में रखा जा सकता है।
(i) 800 से अधिक जनघनत्व रखने वाले राज्य तथा केन्द्र शासित प्रदेश
|
राज्य
/ केन्द्रशासित प्रदेश |
सन् 2011
में जनघनत्व (प्रति वर्ग किमी.) |
|
1. दिल्ली |
11297 |
|
2. चण्डीगढ़ |
9252 |
|
3. पुड्डुचेरी |
2598 |
|
4. दमन व दीव |
2169 |
|
5. लक्षद्वीप |
2013 |
|
6. बिहार |
1102 |
|
7. पश्चिम बंगाल |
1029 |
|
8. केरल |
859 |
|
9. उत्तर प्रदेश |
829 |
(ii) 400 से 800 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी.
जनघनत्व रखने वाले राज्य तथा केन्द्र शासित प्रदेश
|
राज्य
/ केन्द्र शासित प्रदेश |
सन् 2011
में जनघनत्व (प्रति वर्ग किमी.) |
|
1. दादरा व नगर-हवेली |
698 |
|
2. हरियाणा |
573 |
|
3. तमिलनाडु |
555 |
|
4. पंजाब |
550 |
|
5. झारखंड |
414 |
(iii) 200 से 400 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी.
जन घनत्व रखने वाले राज्य
|
राज्य |
सन् 2011
में जनघनत्व (प्रति वर्ग किमी.) |
|
1. असम |
397 |
|
2. गोआ |
394 |
|
3. महाराष्ट्र |
365 |
|
4. त्रिपुरा |
350 |
|
5. कर्नाटक |
319 |
|
6. गुजरात |
308 |
|
7. आन्ध्र प्रदेश |
308 |
|
8. उड़ीसा |
269 |
|
9. मध्यप्रदेश |
236 |
|
10. राजस्थान |
201 |
(iv) 200 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी. से कम जनघनत्व रखने वाले
राज्य
|
राज्य
/ केन्द्र शासित प्रदेश |
सन् 2011
में जनघनत्व (प्रति वर्ग किमी.) |
|
1. उत्तराखण्ड |
189 |
|
2. छत्तीसगढ़ |
189 |
|
3. मेघालय |
132 |
|
4. जम्मू और कश्मीर |
124 |
|
5. हिमाचल प्रदेश |
123 |
|
6. मणिपुर |
122 |
|
7. नागालैण्ड |
119 |
|
8. सिक्किम |
86 |
|
9. मिजोरम |
52 |
|
10. अण्डमान और निकोबार द्वीप समूह |
46 |
|
11. अरुणाचल प्रदेश |
17 |
प्रश्न 3. भारत में जनसंख्या वृद्धि
की विभिन्न प्रावस्थाओं की विवेचना कीजिए।
उत्तर:
विगत एक शताब्दी के दौरान भारत में हुई जनसंख्या वृद्धि को
निम्नलिखित चार प्रावस्थाओं के अन्तर्गत रखा जाता है
1. प्रावस्था
(क): धीमी वृद्धि की अवधि (1901 से 1921 की
अवधि)
2. प्रावस्था
(ख): निरन्तर वृद्धि की अवधि (1921 से 1951)
3. प्रावस्था
(ग): तीव्र वृद्धि की अवधि (1951 से 1981)
4. प्रावस्था
(घ): घटती वृद्धि की अवधि (1981 के पश्चात्)
(i) प्रावस्था: (क) (उच्च जन्मदर व उच्च मृत्यु - दर): सन् 1901 से 1921
तक ऋणात्मक वृद्धि की अवधि में भारत में जनसंख्या की वृद्धि दर अति
निम्न रही। इस अवधि में 1911-21 के दशक में भारत की जनसंख्या
में ऋणात्मक वृद्धि अनुभव की गई। उक्त अवधि में भारतीय जनसंख्या में जन्म - दर व
मृत्यु - दर दोनों ही उच्च रहीं जिसके कारण देश में जनसंख्या की वृद्धि दर निम्न बनी
रही। निम्न स्तरीय चिकित्सा सुविधाएँ, निरक्षरता, भोजन व अन्य आधारभूत आवश्यकताओं की अपर्याप्त उपलब्धता उक्त अवधि में
जनसंख्या की उच्च जन्म दर व उच्च मृत्यु-दर के लिए प्रमुख उत्तरदायी कारक रहे।
(ii) प्रावस्था (ख) (उच्च जन्म - दर व घटती मृत्यु - दर): सन् 1921-51 की
अवधि को जनसंख्या की सतत् वृद्धि की अवधि के रूप में जाना जाता है। उक्त अवधि में
चिकित्सा सुविधाओं में हुए व्यापक सुधारों के कारण मृत्यु-दर में गिरावट अनुभव की
गयी। उच्च जन्म-दर व घटती मृत्यु-दर के कारण पिछली प्रावस्था की तुलना में इस
प्रावस्था में जनसंख्या की वृद्धि दर उच्च रही।
(iii) प्रावस्था (ग) (उच्च जन्म - दर तथा तेजी से घटती मृत्यु - दर):
सन् 1951 -
81 के दशकों की अवधि को भारत में जनसंख्या विस्फोट की अवधि के रूप
में जाना जाता है। उक्त अवधि में जन्म - दरें उच्च रहीं लेकिन मृत्यु में तीव्र
ह्रास अनुभव किया गया जिसके कारण देश में जनसंख्या की औसत वार्षिक वृद्धि दर 2.2
प्रतिशत तक ऊँची रही। मृत्यु-दरों में तीव्र गिरावट का प्रमुख कारण
अर्थव्यवस्था व जीवन स्तर में सुधार तथा चिकित्सा सुविधाओं का व्यापक व आधुनिक
होना रहा। इसके अलावा उक्त 30 वर्षों की अवधि में भारत के
समीपवर्ती देशों (बांग्लादेश, तिब्बत, नेपाल
तथा पाकिस्तान) से भारत में आकर बसने वाले लोगों ने भी देश की उच्च जनसंख्या
वृद्धि दर में योगदान दिया।
(iv) प्रावस्था (घ) (घटती जन्म - दर व घटती मृत्यु - दर): सन् 1981 से 2011
के मध्य की अवधि में यद्यपि जनसंख्या की वृद्धि दरें उच्च रही लेकिन
उनमें धीमी गति से गिरावट भी अनुभव की गयी। उक्त अवधि में जन्म-दर तथा मृत्यु-दर
दोनों के लिये जनसंख्या की घटती जन्म - दर को उत्तरदायी माना गया। उक्त अवधि में
भारत में विवाह के समय औसत आयु में वृद्धि, जीवन गुणवत्ता में
सुधार तथा महिला साक्षरता में सुधार अनुभव किये गये। देश में जनसंख्या की वृद्धि
की दर अभी भी ऊँची है। विश्व विकास रिपोर्ट द्वारा यह प्रक्षेपित किया गया है कि
सन् 2025 तक भारत की जनसंख्या लगभग 135 करोड़ हो जायेगी।
प्रश्न
4.
आधुनिक भारतीय भाषाओं का वर्गीकरण कीजिए।
अथवा
भारत को कितने भाषा परिवारों में बाँटा जा सकता है? विस्तार से बताइए।
अथवा
देश के विभिन्न भाषाई वर्गों के वितरण को मानचित्र में दर्शाते
हुए उनका विस्तृत वर्णन कीजिए।
उत्तर:
भारत एक बहुभाषी देश है। सन् 1991 की जनगणना
के अनुसार भारत में 18 भाषाएँ अनुसूचित थीं जो 2011 की जनगणना में बढ़कर 22 हो गयीं। इसके अतिरिक्त
हमारे देश में कई गैर अनुसूचित भाषाएँ भी पायी जाती हैं। अनुसूचित भाषाओं में
हिन्दी बोलने वाले लोगों का प्रतिशत सर्वाधिक है। जबकि संस्कृत व बोडो भाषाओं को
बोलने वाले लोगों का प्रतिशत सबसे कम है। भारत के भाषा परिवार (आधुनिक भारतीय
भाषाओं का वर्गीकरण) - भारत के लोगों द्वारा बोली जाने वाली भाषाओं को निम्नलिखित
चार भाषा परिवारों में वर्गीकृत किया जा सकता है।
1. आस्ट्रिक भाषा परिवार: इसे निषाद भाषा परिवार भी कहा जाता है। हमारे देश
में लगभग 1.38 प्रतिशत लोगों द्वारा इस भाषा परिवार से सम्बन्धित भाषाएँ बोली जाती हैं।
इस भाषा परिवार को मुख्य रूप से दो उप - भाषा परिवारों में बाँटा जा सकता है।
1. आस्ट्रो
एशियाई
2. ऑस्ट्रो
एशियन।
आस्ट्रो
एशियाई भाषा भारत में एवं ऑस्ट्रो एशियन भाषा भारत के बाहर बोली जाने वाली भाषा
है। इस भाषा परिवार के वाक् क्षेत्र निम्नलिखित हैं।
1. ऑस्ट्रो
- एशियाई उप - परिवार की मॉन ख्मेर भाषा मुख्य रूप से मेघालय एवं अण्डमान निकोबार
द्वीप समूह में रहने वाली जनजातियों द्वारा बोली जाती है।
2. मुंडा
भाषा पश्चिम बंगाल, बिहार, उड़ीसा, असम, मध्यप्रदेश एवं महाराष्ट्र आदि राज्यों के
विभिन्न आदिवासी क्षेत्रों में बोली जाती है।
2. द्रविड़ भाषा परिवार: हमारे देश में लगभग 20 प्रतिशत लोगों द्वारा इस भाषा
परिवार से सम्बन्धित भाषाएँ बोली जाती हैं। इस भाषा परिवार को मुख्य रूप से तीन
शाखाओं/वर्गों-उत्तरी द्रविड़, मध्य द्रविड़ एवं दक्षिणी
द्रविड़ में बाँटा गया है। इस भाषा परिवार के निम्नलिखित वाक् क्षेत्र हैं।
1. दक्षिणी
द्रविड़ शाखा: इस परिवार से सम्बन्धित भाषाएँ तमिलनाडु, केरल व
कर्नाटक आदि राज्यों में बोली जाती हैं। इन भाषाओं में क्रमशः तमिल, मलयालम एवं कन्नड आदि हैं।
2. मध्य
द्रविड़ शाखा: इस परिवार की भाषाएँ मध्य प्रदेश, उड़ीसा,
महाराष्ट्र, तेलंगाना व आन्ध्र प्रदेश राज्य
में मुख्य रूप से बोली जाती हैं।
3. उत्तर
द्रविड़ शाखा: इस परिवार से सम्बन्धित भाषाएँ बिहार, उड़ीसा,
पश्चिमी बंगाल एवं मध्यप्रदेश में बोली जाती हैं।
3. चीनी - तिब्बती भाषा परिवार: इसे किरात भाषा परिवार भी
कहा जाता है। यह हमारे देश में 0.85% लोगों द्वारा बोली जाती है। इसे
दो उप परिवारों तिब्बती - म्यांमारी एवं सियामी - चीनी में बाँटा गया है। इस भाषा
परिवार को मुख्य रूप से अग्रलिखित शाखाओं/वर्गों में विभाजित किया जा सकता है।
1. तिब्बती
हिमालयी वर्ग: इस वर्ग की भाषाएँ जम्मू और कश्मीर, हिमाचल
प्रदेश एवं सिक्किम राज्य में बोली जाती हैं।
2. उत्तरी
असम वर्ग: इस वर्ग की गषाएँ अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मिजोरम,
त्रिपुरा एवं मेघालय राज्य में बोली जाती हैं।
4. भारतीय - यूरोपीय भाषा परिवार: इसे आर्य भाषा परिवार भी
कहा जाता है। हमारे देश की अधिकांश जनसंख्या (लगभग 73 प्रतिशत) इसी भाषा परिवार की भाषाएँ
बोलती है। इस भाषा परिवार का उप - परिवार इंडो - आर्य है। इस भाषा परिवार को तीन
शाखाओं / वर्गों में बाँटा जा सकता है।
1. इरानी
वर्ग: इसे फारसी वर्ग भी कहा जाता है। यह भाषा वर्ग देश में नहीं पाया जाता है।
बल्कि भारत से बाहर इस भाषा वर्ग की भाषाएँ बोली जाती हैं।
2. दरदी
वर्ग: इस वर्ग की भाषा केवल जम्मू और कश्मीर राज्य में बोली जाती है।
3. भारतीय: आर्य
वर्ग इस वर्ग की भाषाएँ भारत के अधिकांश भाग में बोली जाती हैं। जम्मू और कश्मीर, पंजाब,
हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य
प्रदेश, बिहार, पश्चिमी बंगाल, गुजरात, महाराष्ट्र, असम व गोआ
आदि मुख्य राज्य हैं जहाँ इस वर्ग की भाषाएँ मुख्य रूप से बोली जाती हैं।
5. अन्य (मिश्रित भाषाई): इन सभी भाषाई परिवारों के अलावा शेष 4.77% लोग
विविध प्रकार की मिश्रित भाषाओं का प्रयोग करते हैं तथा इनके भाषित क्षेत्र में
लगभग सभी राज्यों में मिश्रित स्वरूप को दर्शाते हैं।
|
1. भारत
की कुल जनसंख्या · पुरुष · महिलाएँ |
1,21,01,93,422 · 62,37,24,248 · 58,64,69,174 |
|
2. दशकीय जनसंख्या वृद्धि (2001 - 2011) · व्यक्ति। · पुरुष · महिलाएँ |
- · 18,14,55,986 (17.64%) · 9, 15,01,158 (17,19%) · 8,99,54828 (18.12%) |
|
3. भारत
में विश्व की जनसंख्या का प्रतिशत |
17.5% |
|
4. सर्वाधिक जनसंख्या वाला राज्य न्यूनतम जनसंख्या वाला राज्य एवं प्रतिशत |
उत्तर प्रदेश (19,95,81,477) |
|
5. सर्वाधिक
जनसंख्या वाला केन्द्र शासित प्रदेश न्यूनतम जनसंख्या वाला केन्द्र शासित प्रदेश |
सिक्किम (6,07,688) |
|
6. जनसंख्या
घनत्व |
दिल्ली (1,67,53,235) |
|
7. सर्वाधिक
जनसंख्या घनत्व वाला राज्य |
लक्षद्वीप (64,429) |
|
8. न्यूनतम
जनसंख्या घनत्व वाला राज्य |
382 व्यक्ति
प्रति वर्ग किमी. |
|
9. सर्वाधिक
जनसंख्या घनत्व वाला केन्द्र शासित प्रदेश |
बिहार (1,102) |
|
न्यूनतम जनसंख्या
घनत्व वाला केन्द्र शासित प्रदेश .0-6 आयु वर्ग की जनसंख्या एवं कुल जनसंख्या में प्रतिशत · कुल · बालक · बालिकाएँ |
अंडमान - निकोबार
द्वीप समूह (46) · - · - · - |
|
11. 0-6 आयु वर्ग लिंगानुपात (पुरुष : महिला) |
15,87,89,287 (13.12%) |
|
12. 30-6 आयु वर्ग का सर्वाधिक लिंगानुपात वाला राज्य (पुरुष : महिला) |
8,29,52,135 (13.30%) |
|
13. 0-6 आयु वर्ग का न्यूनतम लिंगानुपात वाला राज्य (पुरुष : महिला) |
7,58,37,152 (12.93%) |
|
14. लिंगानुपात
(पुरुष : महिला) |
1000:914 |
|
15. सर्वाधिक
लिंगानुपात वाला राज्य (पुरुष : महिला) |
मिजोरम (1000 : 971) |
|
16. न्यूनतम
लिंगानुपात वाला राज्य (पुरुष : महिला) |
हरियाणा (1000: 830) |
|
17. सर्वाधिक
लिंगानुपात वाला केन्द्र-शासित प्रदेश (पुरुष : महिला) |
1000: 940 |
|
18. न्यूनतम
लिंगानुपात वाला केन्द्र-शासित प्रदेश (पुरुष : महिला) |
केरल (1000 : 1084) |
|
19. देश
की साक्षरता का प्रतिशत · कुल · पुरुष · महिलाएँ |
हरियाणा (1000: 877) · - · - · - |
|
20. सर्वाधिक
साक्षरता वाला राज्य |
पुडुच्चेरी (1000 : 1038) |
|
21. न्यूनतम
साक्षरता वाला राज्य |
दमन एवं दीव (1000 : 618) |
|
22. सर्वाधिक
पुरुष साक्षरता वाला राज्य |
74.04% |
|
23. न्यूनतम
पुरुष साक्षरता वाला राज्य |
82.14% |
|
24. सर्वाधिक
महिला साक्षरता वाला राज्य |
65.46% |
|
25. न्यूनतम
महिला साक्षरता वाला राज्य |
केरल (93.91%) |
|
26. सर्वाधिक
साक्षरता वाला केन्द्रशासित प्रदेश |
बिहार (63.82%) |
|
27. न्यूनतम
साक्षरता वाला केन्द्रशासित प्रदेश |
केरल (96.02%) |
|
28. सर्वाधिक
पुरुष साक्षरता वाला केन्द्रशासित प्रदेश |
बिहार (73.39%) |
|
29. न्यूनतम
पुरुष साक्षरता वाला केन्द्रशासित प्रदेश |
केरल (91.98%) |
|
30. सर्वाधिक
महिला साक्षरता वाला केन्द्रशासित प्रदेश |
राजस्थान (52.66%) |
|
31. न्यूनतम
महिला साक्षरता वाला केन्द्रशासित प्रदेश |
लक्षद्वीप (92.28%) |

No comments:
Post a Comment